For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तख़्त के साथ -साथ
तख्तियां बदलती हैं.
वक़्त के साथ -साथ
सख्तियां बदलती हैं.
सत्ता के साथ- साथ
चाप्लूसियां बदलती हैं.
अल्हडों के साथ-साथ
फब्तियां बदलती हैं.
धर्मों के साथ-साथ
भ्रांतियां बदलती हैं.
भोंहों के साथ-साथ
भृकुटियां बदलती हैं.
सन्दर्भों के साथ-साथ
अभिव्यक्तियाँ बदलती हैं.
सम्हालते सम्हालते
परिस्थितयां बदलती हैं.
कन्धों के साथ-साथ

अब अर्थियां बदलती है.
विजय प्रकाश शर्मा
मौलिक व अप्रकाशित.

Views: 502

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on July 2, 2014 at 12:09pm

आ०जितेन्द्र 'गीत' जी,आपका साथ मिला , बहुत -बहुत आभार.

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on July 2, 2014 at 12:06pm

आ० शकूर जी,आपका बहुत -बहुत आभार.

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on July 2, 2014 at 12:03pm

आ० सुशील जी , आपका बहुत आभार.
क्षमा करें. पहले बहुत से कंधे होते थे एक अर्थी के लिए . अब अर्थियों की संख्या बढ़ गई है और कंधे उतने ही रह गए हैं अतएव , "अब अर्थियां बदलती हैं "

Comment by Sushil Sarna on July 2, 2014 at 11:24am

रचना वर्तमान परिपेक्ष्य में सटीक अभिव्यक्ति किन्तु आदरणीय क्षमा सहित अंतिम दो पंक्तियों के भावों से मैं सहमत नहीं हूँ - अर्थियां निर्जीव होती हैं और कंधे सजीव  … अर्थी पे कंधे बदल सकते हैं लेकिन अर्थियां ?????? बहरहाल इस भावुक रचना के लिए हार्दिक बधाई। 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 2, 2014 at 11:04am

सच! वक्त के साथ सब कुछ बदल ही जाता है. बधाई आदरणीय विजय जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on July 2, 2014 at 8:21am

आदरणीय विजय प्रकाश सर इस रचना के लिये बधाई स्वीकार करें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई।"
Tuesday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service