For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य-प्रेमियो,

सादर अभिवादन.

 

ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव, अंक- 35 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है.

इस आयोजन में प्रयुक्त चित्र अंतरजाल (Internet) के सौजन्य से प्राप्त हुआ है.इस चित्र को परिभाषित करती हुई छंद-रचना प्रस्तत करनी है.
आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ –

15 फरवरी 2014 दिन शनिवार

से

16 फरवरी 2014 दिन रविवार

छंदोत्सव के नियमों में कुछ परिवर्तन किये गए हैं इसलिए नियमों को ध्यानपूर्वक अवश्य पढ़ें |

 

इस बार से "चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के मूल स्वरूप को स्थायी रखते हुए व्यावहारिक परिवर्तन किया जा रहा है. छंदोत्सव का आयोजन अबसे निर्धारित छंदों पर ही आधारित होगा.

 

इस बार के आयोजन के लिए दो छंदों का चयन किया गया है, कुण्डलिया छंद और चौपाई छंद.


अधिक-से-अधिक तीन कुण्डलिया या पाँच चौपाई प्रस्तुत कर सकते हैं.

 

प्रस्तुतकर्ता एक बार की प्रवष्टि में किसी एक छंद पर रचना डालें

 

ऐसा न होने की दशा में आपकी प्रविष्टि ओबीओ प्रबंधन द्वारा अस्वीकार कर दी जायेगी.

 

उन सदस्यों के लिए जो कुण्डलिया और चौपाई छंदों के आधारभूत नियमों से परिचित नहीं हैं, उनके लिये इनके संक्षिप्त विधान प्रस्तुत किये जा रहे हैं.

 

लेकिन उससे पूर्व मात्रिक छंदों में गेयता की सुनिश्चितता हेतु निम्न विन्दुओं पर एक बार फिर से ध्यान से देखें.

 

शब्दों के उच्चारण और उसकी मात्राओं के समवेत स्वरूप के अनुसार शब्दों के कल बनते हैं. जैसे, शब्दों के द्विकल, शब्दों के त्रिकल, शब्दों के चौकल, षटकल आदि. इसी के अनुसार पदों का प्रवाह निर्धारित होता है.

द्विकल, चौकल आदि शब्दों को सम मात्रिक शब्द कहते हैं.

जैसे, हम, वह, निज आदि.

जबकि त्रिकल या षटकल आदि शब्दों को विषममात्रिक शब्द कहते हैं.

जैसे, हुआ, बड़ा, कहाँ आदि त्रिकल हैं.

 

यों, कोई शब्द षटकल हो तो वह उच्चारण के लिहाज से सममात्रिक ही हुआ करता है. यानि वह दो विषम शब्दों का पूर्ण स्वरूप होने से सम शब्द ही माना जाता है.

दीवाना, आवारा, परंपरा आदि षटकल शब्द हैं.

व्यवहार जैसा शब्द द्विकल और त्रिकल के समूह है. व्यव द्विकल तथा हार त्रिकल.

 

इस तथ्य को समझ लेने से चरणों के कुल शब्दों की मात्रा को गिनने के अलावे शब्द-विन्यास को निर्धारित करने में भी सहुलियत हो जाती है. साथ ही साथ, गेयता को सुचारू रूप से निर्धारित करने के लिए मात्रिकता को निभाना भी सहज हो जाता है.

यानि यह अवश्य मान लें कि कोई मात्रिक पद (छंद की एक पंक्ति) मूलतः सम शब्दों का ही समुच्चय बनाता है.

अर्थात कोई विषम शब्द हो तो उसके ठीक बाद विषम शब्द रख कर षटकल बनाने से सम मात्रिकता का निर्वहन हो जाता है. यानि विषम शब्द के बाद विषम शब्द ही आवे और सम के बाद एकदम से विषम शब्द न आवे. आवे भी तो उस विषम के बाद एक और विषम शब्द रख कर सभी शब्दों के समुच्चय को सम मात्रिक बना लेते हैं.

जैसे, बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर जैसे पद में बड़ा त्रिकल के बाद हुआ भी त्रिकल है. दोनो मिल कर षटकल का निर्माण करते हैं जो कि सम संख्या भी है. इस तरह गेयता या पढ़ने के (वाचन) प्रवाह में कोई दिक्कत नहीं आती.

चौपाई : मूलभूत नियम हेतु यहाँ क्लिक करें ........

कुण्डलिया छंद : मूलभूत नियम हेतु यहाँ क्लिक करें ........

आयोजन सम्बन्धी नोट :

(1) 14 फरवरी 2014 तक Reply Box बंद रहेगा, 15 फरवरी दिन शनिवार से 16 फरवरी दिन रविवार यानि दो दिनों के लिए Reply Box रचना और टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

 

विशेष :

यदि आप अभी तक www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

अति आवश्यक सूचना :

आयोजन की अवधि के दौरान सदस्यगण अधिकतम दो स्तरीय प्रविष्टियाँ अर्थात प्रति दिन एक के हिसाब से पोस्ट कर सकेंगे. ध्यान रहे प्रति दिन एक रचना, कि एक ही दिन में दो रचनाएँ.

 

रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.

नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.

 

सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर एक बार संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.

 

आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.

 

इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.

 

रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.

 

रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

 

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहा...

 

मंच संचालक

सौरभ पाण्डेय

(सदस्य प्रबंधन समूह)

ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

 

Views: 12948

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आ. राजेश कुमारी जी सादर

 

               प्रोत्साहनात्मक टिपण्णी एवं बधाई हेतु आपका सादर आभार आदरणीया

आदरणीय सत्यनारायण भाई,

सुंदर चौपाई की हार्दिक बधाई ।

आ.अखिलेश जी प्रस्तुति की सराहना के लिए सादर आभार

मन का भोला तन का गोरा, नटखट बड़ा गजब का छोरा ।

करतब करता बालक दीखे, उचक उचक कर पीटी सीखे।४।

मुझसे कुछ दीवाल बड़ी है, मुश्किल बनकर आज खड़ी है।

वरना प्रांगण में घुस जाता, अपनी कुछ करतूत दिखाता

बहुत शानदार आदरणीय 

सादर आभार आ. वंदना जी

            

आदरणीय सत्यनारायणजी, मैं चूँकि आप् स्तुति का संशधित रूप देख रहा हूँ तो मुझे यह प्रस्तुति आशान्वित कर रही है.

सार्थक भागीदारी के लिए सादर धन्यवाद.

परम आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम

              आदरणीय, चौपाई छंद पर  यह मेरा प्रथम प्रयास था जो आपको आशान्वित कर रहा है यह जानकर  मन को  सुखद अनुभूति हुई है. छंदों के बारे में सीखने एवं रचना प्रयास  का एक सुनहरा  मौका मंच ने और आपने उपलब्ध कराया है जिसके लिए मंच की एवं आपकी जितनी भी प्रसंशा की जाय कम ही होगी.  रचना में भी कुछ दोष थे जिनपर उचित मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है और तदनुरूप रचना में संशोधन हुआ है अतएव  मैं दिल से पुनश्च मंच एवं आपका सादर आभार व्यक्त करता हूँ.

              सादर धन्यवाद आदरणीय

सादर धन्यवाद आदरणी सत्यनाराण जी

अपनी कुछ करतूत दिखाता

वाह वाह, गज़ब, सुन्दर प्रयास है, बहुत बहुत बधाई और शुभकामना .

आ. बागी जी सादर

             प्रस्तुति पर सराहना एवं शुभकामनाओं हेतु आपका ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ. आदरणीय

आ. कल्पना रामानी जी सादर

मनमोहक कुण्डलियों के प्रस्तुती हेतु सादर बधाई स्वीकार करें

कुंडलिया छंद

बालक ये असहाय है, या पितु मातु गरीब।
पाठन की क्षमता नहीं, खोजी फिर तरकीब॥
खोजी फिर तरकीब, खड़ा दीवाल किनारे।
छात्र सिखें व्यायाम, सीखता ये गुरु सारे॥
संसाधन से हीन, किन्तु साहस का धारक।
है भविष्य आधार, जुनूनी तत्पर बालक॥

मौलिक व अप्रकाशित

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद,  आज़ाद तमाम भाई ग़ज़ल को समय देने हेतु !"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तिलक राज कपूर साहब,  आपका तह- ए- दिल आभारी हूँ कि आपने अपना अमूल्य समय देकर मेरी ग़ज़ल…"
2 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"जी आदरणीय गजेंद्र जी बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीया ऋचा जी ग़ज़ल पर आने और हौसला अफ़जाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
2 hours ago
Chetan Prakash commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय गिरिराज भंडारी जी । "छिपी है ज़िन्दगी मैं मौत हरदम वो छू लेगी अगर (…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service