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वो कौन है,

 

अतीत जैसा पास है,

या कि मेरा आज है,

व आगे का एहसास है|

मैं फंसा इन उलझनों में, सोचता,

वो कौन है|

 

जो गा सकूँ वो गान है,

कि मिला सकूँ वो तान है,

या कि मेरा सम्मान है|

ये सुलझ जाए पहेली, जान लूँ,

वो कौन है|

 

मधुरव भरा वो साज है,

या कि नवोढ़ा लाज है,

मेरे लिए क्यूँ राज है?

एक रूप सदिश बने तब, कह सकूँ,

वो कौन है|

 

गुल है वो कि बाग़ है,

धुन कोई या राग है,

या ओस है कि आग है|

सुन्घू कि गाऊं या जलूं, अज्ञात कि,

वो कौन है|

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Comment by विवेक मिश्र on January 24, 2011 at 7:40pm
bahut sundar.. bahut achchhe..
Comment by आशीष यादव on January 21, 2011 at 3:49pm
Dr.Brijesh Kumar Tripathi सर यदि आप अपनी कविता  लिंक भेज दे तो मुझे आसानी रहेगी|
Comment by आशीष यादव on January 21, 2011 at 3:47pm
संतोष सर, राजू भाई, भाष्कर भाई, लता जी, एस० डी० सर, परब्रह्म जी एवं अरुण सर . आप लोगो को सादर धन्यवाद|
Comment by आशीष यादव on January 21, 2011 at 3:41pm
सादर धन्यवाद वीरेंदर सर, वही तो मेरे भी समझ में  नहीं आ रहा कि वो है कौन|
Comment by आशीष यादव on January 21, 2011 at 3:40pm
कविता सराहने के लिए सादर धन्यवाद  बागी जी| वैसे तो मैंने केवल यही रचना की है, अगर कमी महसूस हो रही है तो कृपया उसमे कुछ सुधार कर मेरा मार्ग दर्शन करें|
Comment by Abhinav Arun on January 21, 2011 at 12:39pm

वाह आशीष जी --बहुत खूब क्या रवानी और अदायगी ... बधाई !!

 

""मधुरव भरा वो साज है,

या कि नवोढ़ा लाज है,

मेरे लिए क्यूँ राज है?

एक रूप सदिश बने तब, कह सकूँ,

वो कौन है|""

Comment by Dr.Brijesh Kumar Tripathi on January 21, 2011 at 9:23am
आशीष जी ,
सादर वन्दे.
वो कौन है ... बहुत ही सुन्दर और रहस्यवाद शैली की अनुपम कृति है इसे मेरे साथ साझा करने के लिए आभार ....इसी शीर्षक से मैंने भी एक कविता पोस्ट की है अपने अमूल्य विचारों से उसकी समीक्षा करेंगे तो अच्छा लगेगा...... अभिनन्दन
Comment by Akshay Thakur " परब्रह्म " on January 21, 2011 at 8:08am
Sundar likha hai bhai :)
Comment by Lata R.Ojha on January 20, 2011 at 7:17pm
ati sundar .. badhai :)
Comment by Raju on January 20, 2011 at 5:08pm
bahut badhiya kavita ASHISH BHAI

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