For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मित्रों आप सबके समक्ष है नए सालका नया तोहफा एक नए कोने के माध्यम से| प्रस्तुत है भूले बिसरे गीतों की कहानी " गीत भूले बिसरे"| प्रतिदिन साईट में दाहिनी तरफ परिवर्तित होने वाला यह कोना आप सबको ऐसी पुरानी यादों में ले जायेगा जो मष्तिष्क के किसी कोने में अब भी तरो ताज़ा
हैं| ऐसे गीत जिन्हें जिन्हें ज़माने में उडी धूल की परतों ने धुंधला कर
दिया है, जिन्हें  सुनकर पुराने दिन चोले बदल कर सिरहाने आ बैठते हैं, दिल
के कसी कोने में एक हलचल सी मचाती है| आपकी यादों के इन्ही घरौंदों को बचा
कर रखने की एक कोशिश है " गीत भूले बिसरे"|

*मुख्य पृष्ठ पर स्थान उपलब्ध करने के लिए OBO प्रबंधन को भी बहुत बहुत धन्यवाद|

आशा है आपको यह प्रयास बहुत पसंद आयेगा|

इस कोने के बारे में अपनी प्रतिक्रया से ज़रूर अवगत कराएं|

 

आपका अपना

(राणा प्रताप सिंह)


Views: 7251

Reply to This

Replies to This Discussion

राणा जी, बधाई आपको इस बेहतरीन शुरुआत के लिये .....बहुत ही प्रसंसनीय प्रयास |

is behtareen shuruwat ke liye bahut bahut badhai......waise aapka ye pehle geet ne to dil hi jeet liya.....

kya baat rana bhai.,....lage rahen aisehi...

०३ Dec ११
इस गीत में गुलज़ार साहब ने प्रेम की इतनी खूबसूरत व्याख्या की है की बेसाख्ता ही मुंह से वाह निकल जाता है| फिल्म का नाम है ख़ामोशी, साल है
१९६९ , संगीतकार हैं हेमंत कुमार, गायिका हैं लता मंगेशकर, पात्र हैं राजेश
खन्ना और वहीदा रहमान| एक और बात इस फिल्म के लिए वहीदा जी को सर्वश्रेष्ठ
अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था |

प्रस्तुति:- राणा प्रताप सिंह

राणा भाई. गुलज़ार साहब की नज्मों और गीतों के बारे में कुछ कहना, खुद चाँद को दिया दिखाने के बराबर है. अभी-२ ये गीत सुनने के बाद ह्रदय एकदम से प्रसन्न हो गया. आपकी यह नई शुरुआत निश्चित रूप से काबिल-ऐ-तारीफ़ है. हार्दिक बधाईयाँ.

राणा जी एक बहुत अच्छी और संगीतमय सौगात दी आपने नव वर्ष पर | ओ.बी.ओ. में सुर लय और ताल भी जुड गये | और प्रथम चयनित गीत के क्या कहने !!! बधाई !!!

04 Dec 11

तलत महमूद की मखमली आवाज़ और रात का समां... उफ्फ्फ...
"मुझे क्यूँ ना हो तेरी आरजू
तेरी जुस्तजू में बहार है"
छठें दशक की फिल्म है संगदिल(१९५२), गीतकार हैं राजिंदर कृष्ण और फिल्माया गया है अपने समय की सबसे चर्चित जोड़ियों में से एक दिलीप कुमार और मधुबाला के ऊपर| 

प्रस्तुति:- राणा प्रताप सिंह

05 Dec 11

मित्रों प्रस्तुत है आज का गीत, यह गीत १९६९ की फिल्म विश्वास का है, गायक हैं मनहर उधास और सुमन कल्याणपुर, संगीत है कल्याण जी और आनंद जी का| एक ख़ास बात ये है कि  इस फिल्म में बाकी के गीत मुकेश ने गाये थे और इस गीत को सुनकर आपको आभास भी नही होगा की ये मनहर उधास की आवाज़ है|

प्रस्तुति:- राणा प्रताप सिंह

RANA PRATAP SINGH, you have really initiated a wonderful discussion on BULE BISRE GEET. The old nostalgic songs, which not only enretain us but somtimes it inspire us, because of their literary touch.

06 Dec 11

आज प्रस्तुत है  नागिन धुन को पहचान दिलाने वाला गीत, फिल्म है १९५८ की मदारी, गायक हैं आल टाइम फेवरिट लता  और मुकेश, संगीतकार हैं कल्याण जी और आनंद जी, गीतकार हैं फारुख कैसर| इस गीत की चन्द पंक्तियाँ है
"मै प्यार की माला गूंथूंगी 
आशाओं की कलियाँ चुन चुन कर"
सलाम  है इस परवाजे तखय्युल को

प्रस्तुति:- राणा प्रताप सिंह

०7 Jan 11

लता मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी की आवाज़, फिल्म वापस, साल है १९६८, संगीतकार हैं लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, गीतकार हैं मज़रूह सुल्तानपुरी|

 

 

प्रस्तुति:- राणा प्रताप सिंह

waah dhanyawaad es ke liye aabhar

 

०8 Jan 11

आज दो गीत 

मौसमी चटर्जी की मासूमियत, लता मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी की आवाज़, फिल्म अनुराग, साल है 1972, "तेरे नैनो के मैं दीप जलाऊंगा"| ख़ास बात शक्ति सामंता की फिल्म और राजेश खन्ना अनुपस्थित? हो ही नहीं सकता ....भूल गए गंगाराम को ....तो गंगाराम राजेश खन्ना| और इतना सुमधुर गीत, इतनी बेहतरीन फिल्म  तो फिल्म फेयर अवार्ड तो इसे ही मिलना था ..सो मिला|


प्रस्तुति:- राणा प्रताप सिंह

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 179 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"बिरह में किस को बताएं उदास हैं कितने किसे जगा के सुनाएं उदास हैं कितने सादर "
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"सादर नमन सर "
1 hour ago
Mayank Kumar Dwivedi updated their profile
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब.दूध और मलाई दिखने को साथ दीखते हैं लेकिन मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. लक्षमण धामी जी "
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय, बृजेश कुमार 'ब्रज' जी, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
8 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, एक साँस में पढ़ने लायक़ उम्दा ग़ज़ल हुई है, मुबारकबाद। सभी…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आपने जो सुधार किया है, वह उचित है, भाई बृजेश जी।  किसे जगा के सुनाएं उदास हैं कितनेख़मोश रात…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"इतने वर्षों में आपने ओबीओ पर यही सीखा-समझा है, आदरणीय, 'मंच आपका, निर्णय आपके'…"
20 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी मंच  आपका निर्णय  आपके । सादर नमन "
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सुशील सरना जी, आप आदरणीय योगराज भाईजी के कहे का मूल समझने का प्रयास करें। मैंने भी आपको…"
21 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service