For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नज्म ...........मुलाक़ात अधूरी है

              १

ना जाओ अभी कि मुलाक़ात अधूरी है !

तेरे – मेरे मिलन की हर बात अधूरी है !

 जाने क्यों चल दिए तुम दामन छुडाकर!

शबनमी आँखों से लाज के मोती गिराकर !

पुरसुकूं हुस्न की एक झलक दिखाकर !

अभी नही बुझी आँखों की प्यास अधूरी है !

ना जाओ अभी कि मुलाक़ात अधूरी है !

तेरे – मेरे मिलन की हर बात अधूरी है !

               २

काली बदलियों का आँखों में काजल लगाकर !

कांच के पैमाने में मय का जाम थमाकर !

रुखसारो पे अश्को की शबनम गिराकर !

भीग जाएगा बदन कि बरसात अधूरी है !

ना जाओ अभी कि मुलाक़ात अधूरी है !

तेरे – मेरे मिलन की हर बात अधूरी है !

              ३

सोये सोये से दिल के अरमान जगाकर !

जवाँ जवाँ धडकनों के जज्बात जगाकर !

आशिक को इश्क की औकात जताकर!

रुक जाओ अभी कि रात अधूरी है !

ना जाओ अभी कि मुलाक़ात अधूरी है !

तेरे – मेरे मिलन की हर बात अधूरी है !

डॉ. अनुराग सैनी

मौलिक व अप्रकाशित

 

 

 

Views: 956

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil.Joshi on October 4, 2013 at 6:30am

बहुत सुंदर रचना है आदरणीय अनुराग जी.... बधाई हो...

Comment by annapurna bajpai on October 3, 2013 at 10:08pm

आदरणीय अनुराग जी सुंदर रचना हेतु बधाई स्वीकारे । 

Comment by बृजेश नीरज on October 3, 2013 at 7:40pm

अच्छी रचना है! आपको हार्दिक बधाई इस प्रयास पर!

मेरी समझ में एक बात आती है वो कोई भी रचना जिसे हम गीत या ग़ज़ल के शिल्प में न बांध सकें, नज़्म नहीं होती. बेहतर होता है की हम रचना को गीत या ग़ज़ल का ही शिल्प ही देने का प्रयास करें. आप इस दिश में प्रयास करें, आपसे इस मंच को बहुत अपेक्षाएं हैं.

सादर!

Comment by डॉ. अनुराग सैनी on October 3, 2013 at 5:16pm

आप सभी के निरंतर मार्गदर्शन से उत्साहित हूँ और निरंतर सुधार की दिशा में प्रयासरत हूँ ! आभार 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on October 3, 2013 at 3:27pm

आदरणीय अनुराग जी ..इस सुन्दर रचना के लिए हार्दिक् बधाई स्वीकार करें 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 3, 2013 at 1:45pm

आदरणीय अनुराग भाई , सुन्दर रचना के लिये बहुत बधाई !!!

Comment by coontee mukerji on October 3, 2013 at 1:41pm

सोये सोये से दिल के अरमान जगाकर !

जवाँ जवाँ धडकनों के जज्बात जगाकर !

आशिक को इश्क की औकात जताकर!

रुक जाओ अभी कि रात अधूरी है !

ना जाओ अभी कि मुलाक़ात अधूरी है !

तेरे – मेरे मिलन की हर बात अधूरी है...................बहुत सुंदर.

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 3, 2013 at 12:36pm

आदरणीय अनुराग जी अच्छी प्रस्तुति बधाई स्वीकारें आपसे और अधिक सुन्दर रचना पढ़ने की प्रतीक्षा है.

Comment by रविकर on October 3, 2013 at 11:16am

सुन्दर प्रस्तुति
आभार आदरणीय अनुराग जी-


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on October 3, 2013 at 8:44am

आदरणीय अनुराग जी,भावपूर्ण  सुंदर रचना के लिये बधाई, नज्म के शिल्प पर विद्वजन कह पायेंगे.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
5 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
5 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छन्द पर उपस्तिथि और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ…"
8 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" आदरणीय अखिलेश जी छन्द पर उपस्तिथि उत्साहर्धन और मार्गदर्शन के लिए आपका हार्दिक आभार। दीपोत्सव…"
10 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुति में जिन चिह्नों से युग्मकों को अलग किया गया है उन्हें हटा दिया…"
33 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, क्या ही सुंदर रचना हुई है ! वाह वाह !! .. एक-एक बंद जैसे प्रदत्त चित्र के मर्म…"
47 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, दीपपर्व की शुभकामनाएँ।  छंदो पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। इंगित…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अशोक  भाईजी हार्दिक धन्यवाद आभार आपका।  लगता है गेयता की समस्या  मेरी…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"धन्यवाद  भाव स्पष्ट करने  के लिए |"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service