For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

टेरत टेरत - एक कुंडली छंद

टेरत टेरत जुग भया, सुधि नहि लीन्ही मोहि   

बौरा बन घूमत फिरा, मिला न मुझको तोहि   
मिला न मुझको तोहि, कहाँ मैं जग में ढूंढूं
कहौ मुझी से कोहि , कौन सी माला फेरूँ 
कह सागर कविराय, मनहि को फेरत फेरत 
मिल जावेगा तोय ,स्वयम को टेरत टेरत  
आशीष ( सागर सुमन ) 

Views: 432

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on September 30, 2013 at 12:53pm

आदरणीय आशीष भाई कुण्डलिया छंद पर आपका प्रयास धीरे धीरे रंग ला रहा है प्रयासरत रहें, हार्दिक बधाई इस कुण्डलिया छंद पर.

Comment by vijay nikore on September 30, 2013 at 4:44am

आदरणीय आशीष जी, हार्दिक बधाई।

 

सादर,

विजय निकोर

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 29, 2013 at 9:26am

बहुत सुदर भाव लिए छंद रचना के लिए बधाई 

Comment by Meena Pathak on September 29, 2013 at 8:10am

बहुत सुन्दर कुण्डलिया छन्द .. बधाई स्वीकारें आदरणीय 

Comment by annapurna bajpai on September 28, 2013 at 12:09am

आ0 सुंदर कुण्डली छंद हेतु बधाई स्वीकारें । 

Comment by Saarthi Baidyanath on September 27, 2013 at 8:08pm

शीर्षक आकर्षक है श्रीमान.....रचना भी सुगढ़ लगी :)


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 27, 2013 at 7:16pm

आदरणीय आशीष भाई , बहुत सुन्दर , कुन्डलिया छन्द , वाह !! बहुत बधाई !!

Comment by ram shiromani pathak on September 27, 2013 at 5:10pm

बहुत ही सुन्दर कुण्डलिया छंद आदरणीय //हार्दिक  बधाई आपको //सादर

Comment by Abhinav Arun on September 27, 2013 at 4:26pm

मिल जावेगा तोय ,स्वयम को टेरत टेरत  ..भाव गहरे हैं बहुत बधाई सुन्दर रचना !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"एक छोटा सा अंतर है किसी को अपना उस्ताद या गुरु मानते हुए संबाेधित करने और मंच पर किसी…"
50 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय जयहिंद जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने गिरह भी ख़ूब है बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार एक ग़ज़ल क ही आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"इतनी मुश्किल भी नहीं सच्ची कहानी लिखना एक राजा की मुहब्बत में है रानी लिखना उसकी तारीफ़ में जो…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय जयहिंद जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय लक्ष्मण जी  बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय Aazi जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय गजेन्द्र जी बहुत शुक्रिया आपका बेहतरी का प्रयास करूंगी सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथिलेश जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय दयाराम जी  बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथिलेश जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए गिरह भी ख़ूब  सादर"
1 hour ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service