For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुण्डलिया [ हिंदी दिवस]

शान है मातृभूमि की, देश का स्वाभिमान ,
हिंदी बिंदी मात की, यह मेरा अभिमान //
यह मेरा अभिमान, अधिकार है यह सबका ;
दो इसको विस्तार, है कर्तव्य जन जन का ;
हिंदी दिन को आज, देना यह सम्मान है
अपनाओ सब मीत ,इसमें इसकी शान है //

................मौलिक व अप्रकाशित ..............

Views: 587

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 24, 2013 at 7:28pm

प्रिय सरिता जी ,

तथ्यपरक सुन्दर कथ्य है कुंडलिया का.. पर शिल्पगत त्रुटियाँ रह गयी हैं 

रोला के शिल्प को पुनः देखें..

सादर शुभेच्छाएँ 

Comment by Sarita Bhatia on September 18, 2013 at 8:10pm

भाई राम जी तह दिल से शुक्रिया 

Comment by Sarita Bhatia on September 18, 2013 at 8:10pm

आदरणीया विजय श्री जी शुक्रिया 

Comment by Sarita Bhatia on September 18, 2013 at 8:09pm

आदरणीया बहन अन्नपूर्णा जी शुक्रिया 

Comment by Sarita Bhatia on September 18, 2013 at 8:08pm

आदरणीय विजय निकोर जी हार्दिक आभार 

Comment by ram shiromani pathak on September 18, 2013 at 7:20pm

सुंदर कुण्डलियाँ आदरणीया सरिता जी ,आपको बधाई//सादर,

Comment by vijayashree on September 18, 2013 at 4:58pm

सरिता जी  निज भाषा के सम्मानस्वरुप सुंदर कुण्डलियाँ 

हार्दिक बधाई 

Comment by annapurna bajpai on September 18, 2013 at 1:36pm
आ0 सरिता जी सुंदर कुण्डलिया हेतु बहुत बधाई आपको ।
Comment by vijay nikore on September 18, 2013 at 12:53pm

कुण्ड्लिया अच्छी बनी है। आपको बधाई, आदरणीया सरिता जी।

 

सादर,

विजय निकोर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 17, 2013 at 8:28pm

प्रिय सरिता बहुत सुन्दर प्रयास कुण्डलिया पर बहुत बहुत बधाई ,उत्कृष्ट भाव ,बस अंतिम पद में चूक हो गई
व्यवहार में लाकर बढ़ानी तभी शान है // व्यवहार में लाकर ---लाकर २ १ १ हो रहा है जब की रोले में विषम चरण का अंत गुरु लघु २ १ से होता है बाकी रोले आपके ठीक हैं ,इसे आप आसानी से दुरुस्त कर सकती हैं

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
1 hour ago
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय सुशील सरना जी, हार्दिक आभार आपका। सादर"
yesterday

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। इस बार…See More
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना कि कुछ तो परदा नशीन रखना।कदम अना के हजार कुचले,न आस रखते हैं आसमां…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ओबीओ द्वारा इस सफल आयोजन की हार्दिक बधाई।"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
Tuesday
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
Tuesday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service