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ग्राफो योगा जीवन को गौरवान्वित करने का अत्याधुनिक तकनीक है.मनुष्य के जीवन मे अपार संभावने छीपी होती हैं. प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन को सुखमय बनाना चाहता है. इस सुख की प्राप्ति के लिए किए गये प्रयास के कारण ही आज संसार सुहाना लगता है.
मनुष्य के लिए सर्वाधिक प्रिय है कष्ट विहीन जीवन, सफलता भरी जिंदगी.
यह सफलता या असफलता मनुष्य के अंदर मौजूद शक्ति पर निर्भर करता है. संसार के सभी तत्व मनुष्य के अंदर पाए जाते है. इसलिए कहा गया है- यथा पिंडे तथा ब्रह्माण्डे.
मनुष्य की हर क्रिया उसके अंदर विद्यमान शक्ति का प्रतिफल होती है. जिस व्यक्ति के पास जितनी शक्तिया जागृत होंगी व उसके अनुसार कार्य करेगा.
यह सारी स्थिति मनुष्य के लिखावट या हस्तलेख से प्राप्त होती है. क्योंकि हस्तलेख मानव जीवन का दर्पण होता है. यह उनकी सचाई उगल देता है.
अब ज़रूरत होती है वांछित लिखावट की जिससे अपनी भलाई हो, समाज की भलाई हो आदि .
लिखावट मे बदलाव लाकर वांछित सफलता प्राप्त किया जाता है. यही है ग्राफो योगा. यह जीवन निर्माण का सटीक माध्यम है.
ग्राफो योगा के प्रचार प्रसार के लिए पटना मे ग्राफो योगपीठ की स्थापना की गयी है . ग्राफो योगपीठ लिखावट की विशेष प्रकार की स्थिति से अवगत कराकर मनुष्य जीवन मे बदलाव लाकर जीवन को समृद्ध करने का कार्य कर रहा है.
डॉ. सच्चिदानंद पांडे
ग्राफो योगपीठ
आत्म कथा परिसर ,
सिन्हा लाइब्ररी रोड,
पटना.
9472241557

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Comment

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Comment by Ratnesh Raman Pathak on October 25, 2010 at 9:36pm
पाण्डेय जी बहुत ही रोचक जानकारी आपने इस परिवार के साथ बाटा है, इसके लिए दिल से धन्यवाद् देने चाहूँगा .और आपने जो ग्राफो योग के बारे में बताया है कृपया इसे थोडा और विस्तार से बताने का कष्ट करे .जैसे यह है क्या ?लक्ष्य क्या है इसका ?इत्यादि जिस से हम संतुष्ट हो जाये .
रत्नेश रमण पाठक
मेरा सम्पर्क सूत्र है:-9463813580/7814274180

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 25, 2010 at 9:03pm
बहुत ही ज्ञानवर्धक लेख आपने दिया है, मुझे लगता है कि यह एक नई विधा है, आदरणीय डॉ. सच्चिदानंद पाण्डेय जी आप से निवेदन है कि यदि ग्राफो योगा का कोई वैज्ञानिक तथ्य भी हो तो OBO परिवार के साथ मे अवश्य बाटे, वैसे मैं भी पटना मे ही रहता हूँ , किसी दिन मिलने कि इच्छा है |

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