For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हूँ मयस्सर खोल के दिल गुफ्तगू करना

जिक्र करना यार जब भी रू-ब-रू करना
हूँ मयस्सर खोल के दिल गुफ्तगू करना

एक दर उसका बिना मांगे मिला सब कुछ
भूल बैठा हूँ मुरादो आरजू करना

है सराफत शान औ ईमान है जलवा
मौत इनकी हो नहीं क्या हाय हू करना

याद में जब हो खुदा तो पाक दिल होगा
गर नमाजे शौक हो तो क्या वजू करना

जो हवा में है बने खुशबू उड़े हर-सू
छोड़ दे अब "दीप" उसकी जुस्तजू करना

संदीप पटेल "दीप"

Views: 482

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on August 4, 2012 at 11:12pm

जिक्र करना यार जब भी रू-ब-रू करना
हूँ मयस्सर खोल के दिल गुफ्तगू करना
वाह! बहुत बढ़िया शायरी.बधाई स्वीकारें.

Comment by वीनस केसरी on August 4, 2012 at 1:00am

एक दर उसका बिना मांगे मिला सब कुछ
भूल बैठा हूँ मुरादो आरजू करना

वाह संदीप साहब आला दर्जे की शायरी और अशआर के लिए बधाई स्वीकारें
दुआ  करता हूँ कि आपकी यह सुन्दर पंक्तियाँ सार्थकता का रूप ग्रहण करें 
सादर

Comment by अरुन 'अनन्त' on August 3, 2012 at 11:29am

संदीप भाई बेहतरीन रचना , तहे दिल से बधाई स्वीकार कीजिये.....

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on August 2, 2012 at 6:54pm

सुन्दर गजल और महीने का सक्रीय सदस्य चुने जाने पर हार्दिक बधाई स्वीकारें भाई संदीप जी...

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on August 1, 2012 at 11:47pm
प्रिय संदीप जी कमाल और धमाल करने के लिए लख लख बधाइयाँ महीने का सक्रिय सदस्य  चुने जाते रहें आप यों ही और उत्तरोत्तर प्रगति पथ पर बढ़ते रोशन करें समाज को ...
सुन्दर गजल 
रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई हमारे सभी प्रिय मित्रों को .
.प्रभु से प्रार्थना है कि ये भाई बहन का पर्व यों ही सदा सदा के लिए अमर रहे प्रेम उमड़ता रहे और बहनों की सुरक्षा के लिए हम सब के मन में जोश द्विगुणित होता रहे ...
आइये बहनों को सदा खुश रखें हंसे हंसाएं प्रेम बरसायें ...तो आनंद और आये ...
जय श्री राधे 
आप सब का 'भ्रमर'५ 
Comment by Albela Khatri on August 1, 2012 at 11:26pm

वाह वाह बहुत खूब ..........
महीने के सक्रिय सदस्य होने की बधाई
और इस ग़ज़ल के लिए अभिनन्दन !


है सराफत शान औ ईमान है जलवा
मौत इनकी हो नहीं क्या हाय हू करना

__वाह !

Comment by Ashish Srivastava on August 1, 2012 at 10:18pm

एक दर उसका बिना मांगे मिला सब कुछ bahut khub badhai sandeep ji ..........

wah wah

Comment by Rekha Joshi on August 1, 2012 at 9:32pm

याद में जब हो खुदा तो पाक दिल होगा
गर नमाजे शौक हो तो क्या वजू करना,बेहतरीन रचना सदीप जी ,बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
52 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service