For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उसी की याद में खोया दिवाना उसका पागल हूँ

बहर :- बहरे हजज मुसम्मन सालिम | 
मफाईलुन | मफाईलुन | मफाईलुन | मफाईलुन

1 2 2 2    1 2 2 2   1 2 2 2    1 2 2 2

उसी की याद में खोया दिवाना उसका पागल हूँ

 मुझे डर ही नहीं है खार का फूलों से घायल हूँ

 

मेरी आवाज सुन के वो भी ठंडी आह भरते हैं

घुँघरू की तरह बजता हुआ पैरों की पायल हूँ

 

निगाहों से वो तीखे तीर दिल पे मारते मेरे

झुकाते फिर वो पलकें उन अदाओं का मैं कायल हूँ

 

मिटेगी तिश्नगी दीदार से अब "दीप" ये मेरी

वो बारिश है बड़ी घनघोर मैं आवारा बादल हूँ

..................दीप..................

बहर :- बहरे हजज मुसम्मन सालिम | 
मफाईलुन | मफाईलुन | मफाईलुन | मफाईलुन

Views: 414

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 22, 2012 at 10:08am

बहुत खूब संदीप पटेल जी , शिल्प और कथ्य दोनों स्तर पर अच्छी ग़ज़ल कही है, एक और शेर अपडेट कर दे क्योंकि उस्तादों की राय है कि पाँच से कम शेरों की ग़ज़ल अच्छी नहीं मानी जाती | दाद कुबूल करें |

Comment by MAHIMA SHREE on May 18, 2012 at 9:39pm

मिटेगी तिश्नगी दीदार से अब "दीप" ये मेरी

वो बारिश है बड़ी घनघोर मैं आवारा बादल हूँ

वाह वाह ..दीप जी बहुत बढ़िया .. बधाई स्वीकार करें

.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 18, 2012 at 9:34pm

संदीप कुमार जी बेहद उम्दा ग़ज़ल लिखी है आपने दाद कबूल करें 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 18, 2012 at 8:36pm

उसी की याद में खोया दिवाना उसका पागल हूँ

 मुझे डर ही नहीं है खार का फूलों से घायल हूँ

निगाहों से वो तीखे तीर दिल पे मारते मेरे

झुकाते फिर वो पलकें उन अदाओं का मैं कायल हूँ

संदीप  जी बहुत सुन्दर  भाव लिए  शेरो  शायरी  आप की मुझे  बहर  और वजन  का ज्ञान  नहीं है इस लिए प्रतिक्रिया उस अंदाज में नहीं दे पा रहा .. ---भ्रमर ५ 


Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 18, 2012 at 5:12pm

bahut shandaar rachna. badhai

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on May 18, 2012 at 12:49pm

मिटेगी तिश्नगी दीदार से अब "दीप" ये मेरी

वो बारिश है बड़ी घनघोर मैं आवारा बादल हूँ

WAH.....BEMISAL...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
10 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service