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घोषणा :- "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के विजेताओं को ओ बी ओ देगा नकद पुरस्कार

प्रिय साथियों !

आज एक बहुत ही महत्वपूर्ण घोषणा करनी है, जिसको सुन कर निश्चित ही आप सभी हर्षित होंगे, जैसा कि आप सभी जानते है कि प्रत्येक माह हम लोग "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता आयोजित करते है, माह जनवरी २०१२ से इस आयोजन के सम्बन्ध मे कुछ संशोधन किए गए हैं जोकि इस  प्रकार है |

 
१- "चित्र से काव्य तक " प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेता को क्रमश: रुपये १००१, ५०१ और २५१ का पुरस्कार व प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा |
पुरस्कार के प्रायोजक :-

प्रथम पुरस्कार रूपये १००१
Ghrix Technologies, Mohali
A leading software development कंपनी
  
द्वितीय पुरस्कार रुपये ५०१
Ghrix Technologies, Mohali
A leading software development Company

तृतीय पुरस्कार रुपये २५१
Rahul Computers, Patiala
A leading publishing House

२ - माह जनवरी-१२ से आयोजित होने वाली "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता केवल भारतीय छंद आधारित ही होगी |

 ३- माह जनवरी-१२ से आयोजित होने वाली "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल, ओ बी ओ प्रबंधन और कार्यकारिणी मंडल के सदस्यों की रचनायें स्वतः प्रतियोगिता से बाहर होगी |

आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन

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Replies to This Discussion

Thanks Atendra Jee,

बहुत ही सराहनीय कदम है...मेरी और से प्रबंधन समिति को बहुत बधाई यह निर्णय अंतत: ले पाने के लिए.

आदरणीय धरम जी, यह निर्णय लेने में कोई कठिनाई नहीं थी अपितु प्रायोजक चयन में कठिनाई थी | सराहना हेतु आपका आभार |

असल बात.. .

 

AANAND aa gaya!!!!!!!!!!!

 

धन्यवाद भाई सुजीत जी |

वाह,
प्रतिभागियों के लिए शुभ सूचना है

इस  हेतु ओ बी ओ प्रबंधन बधाई का पात्र है
आयोजकों के प्रति आभार

धन्यवाद भाई वीनस जी |

आपकी बातें याद थीं.  आप ही नहीं कइयों की ओर से इसतरह के सुझाव आये थे जिसमें लोगों ने श्रद्धा और स्नेहवश एकमुश्त या माहवार कुछ राशियाँ डोनेट करने की इच्छा दिखायी थीं. किन्तु, किसी व्यक्ति से कोई राशि स्वीकार करने के प्रति ओबीओ प्रबन्धन शुरू से निर्णायक अवस्था में था.  उधर, इन्स्टिट्युशनल या ऑर्गेनजेशनल स्पान्सरशिप हेतु कोई सही कम्पनी दीख नहीं रही थी.  जैसे ही इसतरह के माकूल संयोग बने तस्वीर सामने है.

आप भी जानते हैं हर कुछ का समय नियत है. उसी नियत समय में नियंता भी कुछ होने देता है. सो देर नहीं यह प्रारब्ध है.  भाई, आपका सहयोग बना रहे.

सधन्यवाद.

जी हाँ, यही बातचीत हुई थी. वैसे भी व्यक्तिगत योगदान से अलग कोई संस्थागत योगदान कई आसन्न अतुकांत प्रभावों को nullify किये रहता है. अतः ओबीओ प्रबन्धन संस्थागत योगदान के प्रति आग्रही था.

सधन्यवाद.

 

आदरणीय अश्वनी रमेश जी, सर्वप्रथम सराहना हेतु आभार आपका, देर आये दुरुस्त आये वाली बात से मैं सहमत नहीं हूँ , यह कदम ओ बी ओ की योजनाओं में पूर्व से ही शामिल है | आप ने जो सुझाव दिया था वो भी मुझे याद है और इस लिंक पर देखी जा सकती है .........
http://www.openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:143590?co...

///लेखकों को पारिश्रमिक अथवा प्रोत्साहन राशि देने से साईट पर सभी लोगों की सक्रियता और उत्साह में काफी इजाफा होगा !////

इस बात से सहमत हूँ अश्वनी रमेश जी |

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