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सम्माननीय साथियो,
वन्दे मातरम् !

दिनांक ८ नवम्बर से १० नवम्बर २०११ तक ओबीओ के मंच से आयोजित "ओबीओ लाइव महा उत्सव" अंक १३, का सफल आयोजन श्री धर्मेन्द्र शर्मा जी के संचालन में किया किया ! इस बार "मौसम" विषय पर रचनाकारों ने कलम आजमाई की !

यह आयोजन भी पिछले आयोजनों की तरह ही कई मायनो में विशेष रहा ! जहाँ दिए गए विषय पर एक से बढ़कर एक रचनायें पढ़ने को मिलीं ! वहीँ काव्य की विभिन्न विधायों विशेषकर भारतीय सनातनी छंदों पर आधारित बेहद सार्थक और सारगर्भित रचनाएँ प्रस्तुत की गईं !

मौसम एक ऐसा विषय है जिसका कैनवास बहुत ही विशाल है ! इस महा-उत्सव के दौरान इसी कैनवास पर अनेकानेक रंगों की छटा के दर्शन हुए !  जहाँ एक तरफ मौसम की मस्ती थी, तो वहीँ मौसम के मिजाज़ पर इंसानी लालच के असर पर भी बात हुई ! हरेक मौसम यहाँ तक कि हरेक माह के लब्ब-ओ-लुबाब तक को रचनायों का विषय बनाया गया ! इस कैनवास के रंगों में ग़ज़ल का रंग भी था और आज़ाद नज़्म की रंगीनी भी !  जहाँ भारतीय रंगत के दोहे, सवय्ये, कुण्डलिया छंद तथा कह-मुकरी भी थे, तो हाइकु ओर तांका जैसी जापानी रंगत भी ! 

इस आयोजन के संचालक भाई धर्मेन्द्र शर्मा जी, जो कि आयोजन के आखरी दिन काम के सिलसिले में शहर से बाहर होने के बावजूद भी जिस तरह एक मिशन समझ कर पूरे तीन दिनों तक मैदान में डटे रहे, उसकी जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है ! इसके अतिरिक्त भाई अम्बरीष श्रीवास्तव जी, श्री बृजभूषण चौबे जी, श्री अविनाश बागडे जी, श्रीमती सिया सचदेव जी, श्रीमती आराधना जी, श्रीमती वंदना गुप्ता जी, भाई गणेश बागी जी, भाई संजय मिश्र हबीब जी एवं भाई रवि प्रभाकर जी ने पूरे आयोजन के दौरान जिस तरह रचनाधर्मियों का अपनी सारगर्भित टिप्पणियों से उत्साहवर्धन किया, वह वन्दनीय है !

 

इन ऑनलाइन आयोजनों में हर बार नये साथी हमारे साथ जुड़ते रहे हैं, इस बार श्री दिलबाग विर्क जी, श्री अशोक कुमार शुक्ल जी, श्री संजय तिवारी जी एवं सुश्री अंजू (अनु) चौधरी जी का अपनी सुन्दर प्रस्तुतियों के साथ इस मंच से जुड़ना भी हर्ष का विषय रहा ! मुझे यह कहते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि इस आयोजन के दौरान प्रस्तुत रचनायों का स्तर बहुत ही ऊंचे दर्जे का रहा ! शिल्प ओर कथ्य के लिहाज़ से बहुत ही उच्च-स्तरीय रचनाएँ हम सब को पढ़ने को मिलीं ! 

 

एक बात का ज़िक्र मैं यहाँ विशेष रूप से करना चाहूँगा, ओबीओ पर कोई भी आयोजन मात्र आयोजन न रह कर सीखने सिखाने का एक प्लेटफोर्म हो जाता है ! आयोजनों को एक वर्कशाप बनाने की यह प्रक्रिया जोकि कुछ महीने पहले शुरू हुई थी, अब उसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं ! हमारे सदस्यों की रचनायों में पहले से कहीं ज्यादा प्रौढ़ता दिखाई देने लगी है ! चाहे वो इल्म-ए-अरूज़ हो या फिर छंद, रचनाकार अब शिल्प और कहन की दृष्टि से कहीं बेहतर काव्य का सृजन कर रहे हैं ! मेरी नज़र में ओबीओ द्वारा आयोजित समागमों का यह सब से सकारात्मक पहलू है, जिसके लिए ओबीओ के सभी चाहने वाले बधाई के पात्र हैं !       


तीन दिन में १०४८ प्रविष्टियों सहित "ओबीओ लाइव महा उत्सव" अंक १३ का सफल आयोजन ओबीओ के लिए एक और मील का पत्थर साबित हुआ है ! इस सफल आयोजन के लिए मैं सभी रचनाकारों एवं पाठकों का तह-ए-दिल से आभार व्यक्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि भविष्य में भी आप सब का आशीर्वाद एवं सहयोग यूँ ही प्राप्त होता रहेगा ! इस आयोजन के कुशल संचालन के लिए भाई धर्मेन्द्र शर्मा जी को विशेष रूप से बधाई देता हूँ ! अपनी सकारात्मक ऊर्जा एवं उच्च-स्तरीय काव्य से पूरे आयोजन को रोशन करने वाले आदरणीय सौरभ पांडेय जी एवं भाई अम्बरीष जी को मेरा कोटिश: नमन! अंत में ओबीओ
आधीष श्री गणेश बागी जी को एक और  सफल आयोजन के लिए मुबारकबाद देता हूँ !  सादर !

 योगराज प्रभाकर

(प्रधान सम्पादक) 

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आदरणीय  प्रधान सम्पादक जी ! आप द्वारा तैयार की गया यह सारगर्भित सम्पादकीय नोट अपने आप में बेमिसाल व बाकमाल है जो कि इस आयोजन के परिदृश्य को पुनः तरोताजा कर दे रहा है ! आपके सद्प्रयास से सभी रचनाकारों का उत्साहवर्धन हुआ है ! इस श्रमसाध्य कार्य  के लिए आपको सादर नमन  !   जय ओ बी ओ !

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय अम्बरीश भाई जी ! 

सुन्दर सारगर्भित रपट आद बड़े भईया...

इस सुन्दर सफल आयोजन के लिए ओ बी ओ की टीम और समस्त सदस्यों को बधाइयां...

जय ओ बी ओ...

बहुत बहुत धन्यवाद संजय भाई, आपको भी बहुत बहुत बधाई ! जय ओबीओ !

आदरणीय प्रधान संपादक जी, आयोजनों की समाप्ति के उपरान्त आपके द्वारा प्रस्तुत होने वाली सम्पादकीय रपट का इन्तजार हम सभी को बड़ी शिद्दत से रहता है, सम्पादकीय रपट एक औपचारिकता न होकर आयोजन का निचोड़ होता है |

इस सफल आयोजन पर मैं प्रधान संपादक श्री योगराज प्रभाकर जी, मंच संचालक श्री धर्मेन्द्र शर्मा जी, प्रबंधन दल के सदस्यों, कार्यकारिणी के सभी सदस्यों और ओ बी ओ परिवार के सभी सदस्यों को हृदय से धन्यवाद और बधाई देता हूँ, आप सबके स्नेह से ही ओ बी ओ साहित्य प्रेमियों में प्रसिद्ध हो रहा है |  

 

धन्यवाद गणेश बाग़ी जी ! यह सब के सामूहिक प्रयास का ही नजीता है कि आज ओबीओ ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है, अत: ओबीओ से जुड़े सब साथी बधाई के पात्र हैं  ! 

इस आयोजन के संचालक भाई धर्मेन्द्र शर्मा जी, जो कि आयोजन के आखरी दिन काम के सिलसिले में शहर से बाहर होने के बावजूद भी जिस तरह एक मिशन समझ कर पूरे तीन दिनों तक मैदान में डटे रहे, उसकी जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है ! इसके अतिरिक्त भाई अम्बरीष श्रीवास्तव जी, श्री बृजभूषण चौबे जी, श्री अविनाश बागडे जी, श्रीमती सिया सचदेव जी, श्रीमती आराधना जी, श्रीमती वंदना गुप्ता जी, भाई गणेश बागी जी, भाई संजय मिश्र हबीब जी एवं भाई रवि प्रभाकर जी ने पूरे आयोजन के दौरान जिस तरह रचनाधर्मियों का अपनी सारगर्भित टिप्पणियों से उत्साहवर्धन किया, वह वन्दनीय है ! 

मुझे यह कहते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि इस आयोजन के दौरान प्रस्तुत रचनायों का स्तर बहुत ही ऊंचे दर्जे का रहा ! शिल्प ओर कथ्य के लिहाज़ से बहुत ही उच्च-स्तरीय रचनाएँ हम सब को पढ़ने को मिलीं !

 

bahut sunder aayojan aur utana hi sateek aapka aankalan....aapki poori TEAM-OBO badhai ki patr hai.

आपका हार्दिक आभार आदरणीय अविनाश बागडे जी ! 

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