For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

  

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ साठवाँ योजन है।.   

 

छंद का नाम - लावणी छंद

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 

19 अक्टूबर’ 24 दिन शनिवार से

20 अक्टूबर’ 24 दिन रविवार तक

हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.  

लावणी छंद के मूलभूत नियमों के लिए यहाँ ताटंक छंद के आलेख को क्लिक करें

जैसा कि विदित है, कई-एक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती हैं.

*********************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ -

19 अक्टूबर’ 24 दिन शनिवार से 20 अक्टूबर’ 24 दिन रविवार तक रचनाएँ तथा टिप्पणियाँ प्रस्तुत की जा सकती हैं। 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करें.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें. 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. 
  8. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  9. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम  

Views: 351

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

अच्छे छंद कहे भाई सुरेश जी।

कुम्हार कि मात्र 122 बनती है, उसके अनुसार पहले छंद की पहली पंक्ति में संशोधन आवश्यक है

// सभी छंद ताटंक छंद में जा रहें हैं, देखिएगा

कुम =2 

हा= 2 

रों=2

क्या आपने कुमहार लिखा है?

आदरणीय सुरेश कुमार जी, प्रदत चित्रानुकूल सुंदर सृजन हेतु बधाई स्वीकार करें।

आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई। किन्तु मेरी तरह आपने भी ताटक छंद रच डाले हैं। सादर

आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी सादर, प्रदत्त चित्र को परिभाषित करती सुन्दर रचना है आपकी. किन्तु इस रचना के सभी छंद लावणी न होकर सभी ताटंक हुए हैं.  कुम्हारों 122 अपवाद ही सही किन्तु  कुम्हारों को पांच मात्रा ही गिना जाता है. वहीँ तृतीय छंद में दिवाली 122 भी पांच मात्रा होने से तृतीय चरण में मात्रा कम हो गई है. इसके साथ ही आपने जिस तुकांतता का प्रयोग किया है वह उत्तम तो है ही नहीं माध्यम भी नहीं है यह निम्न तुकांतता है. जबकि छंदों में श्रेष्ठ तुकांतता का प्रयोग किया जाना चाहिए. तुक प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो वहाँ मध्यम, किन्तु निम्न तुकांतता का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए. सादर 

लो  आ  गई  है दीपावली,उपरान्त विजयदशमी है ।

कुम्भकार गढ़ता जाता है, दिये  सरैंया  रसमी  है ।।

बिक जायेगा माल बना जो, तय उस गरीब ने माना ।

रहा भरोसा अपने प्रभु पर, जिसे मित्र उसने जाना।।

कच्ची  मिट्टी  के  लोंदे  से, गढ़ेगा    मूर्ति   लक्ष्मी जी ।

गणेश लक्ष्मी पूज्य अधिष्ठित, बरसे धन घर मम्मी जी।।

किन्तु कठिन प्रत्याशा उसकी,     कुम्हार    जानता   नहीं   है।

कि काँच प्लास्टिक सब कुछ हासिल, ये माल बिकता नहीं है ।।

हावी हुआ बाजार हम पर, मित्र वहाँ सब होते हैं ।

भूली हस्त कलाएं हमने, कलाकार  सब रोते हैं ।।

भूखों मरते  सभी निराश्रित, व्यथा  बुढ़ापे  रोते हैं ।

बहुत बड़ा अभिशाप गरीबी, फुटपाथ रंक सोते हैं ।।

मौलिक व अप्रकाशित 

प्रदत्त चित्र पर अच्छा प्रयास हुआ है आदरणीय चेतन प्रकाश जी।

लावणी छंद चार पदों का होता है उस अनुसार विधान का पूरा पालन नहीं हो पाया है।बीच के स्पेस को समाप्त करना होगा

बहुत धन्यवाद, मित्र, लेकिन मेरे टाइपिंग की-पैड पर बहुत छोटे-छोटे अक्षर हैं, सो सीधे
प्रस्तुति पोस्ट करते समय पंक्तियाँ दृष्टिगोचर होती रहे, लिखते सुविधा रहे इससे छंद के चारों पद एकीकृत नहीं हो सके हैं, और कोई बात नहीं।

आदरणीय चेतन प्रकाश जी, सुंदर सृजन हेतु बधाई स्वीकार करें।

आदरणीय, आपका अशेष आभार। 

आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सहभागिता के लिए धन्यवाद।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। बोलचाल में दोनों चलते हैं: खिलवाना, खिलाना/खेलाना।…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आपका आभार उस्मानी जी। तू सब  के बदले  तुम सब  होना चाहिए।शेष ठीक है। पंच की उक्ति…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"रचना भावपूर्ण है,पर पात्राधिक्य से कथ्य बोझिल हुआ लगता है।कसावट और बारीक बनावट वांछित है। भाषा…"
Friday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदरणीय शेख उस्मानी साहिब जी प्रयास पर  आपकी  अमूल्य प्रतिक्रिया ने उसे समृद्ध किया ।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदाब। इस बहुत ही दिलचस्प और गंभीर भी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब।  ऐसे…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"जेठांश "क्या?" "नहीं समझा?" "नहीं तो।" "तो सुन।तू छोटा है,मैं…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
Friday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service