For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

  

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ संतावनवा आयोजन है.   

 

इस बार के आयोजन के लिए सहभागियों के अनुरोध पर अभी तक आम हो चले चलन से इतर रचना-कर्म हेतु एक विशेष छंद साझा किया जा रहा है। 

इस बार छंद है -  दोहा छंद

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 

20 जुलाई’ 24 दिन शनिवार से

21 जुलाई’ 24 दिन रविवार तक

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.  

दोहा छंद के मूलभूत नियमों के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, कई-एक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती हैं.

*********************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ -

20 जुलाई’ 24 दिन शनिवार से  21 जुलाई’ 24 दिन रविवार तक रचनाएँ तथा टिप्पणियाँ प्रस्तुत की जा सकती हैं। 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करें.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें. 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. 
  8. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  9. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम  

Views: 1444

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार आदरणीया।

आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप उत्तम दोहागीत हुआ है। हार्दिक बधाई।

आदरणीय भाई लक्ष्मण जी

इस प्रयास की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार 

पैर पकड़ कर कह रहे
चाचा रखना ध्यान।। 
चाचा भी हैं जानते, इनके सारे  ढंग।। ..........सही कहा है. 
आदरणीय प्रतिभा पाण्डे जी सादर,  प्रदत्त चित्र पर सुन्दर और राजनीति की सच्चाई का दर्शाता गीत रचा है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर 

जाने कैसे पड़ गए, आज हमारे गाँव।

वैसे तो आते नहीं, नेताजी के पाँव।

नेताजी के पाँव जो, आ पहुंचे हैं ग्राम।

समझो भाई आ गया, निर्वाचन संग्राम।

निर्वाचन संग्राम में, मांगेंगे अब वोट।

मिलना अब तो तय रहा, कम्बल दारू नोट।

कम्बल दारू नोट से, सबको रहे ख़रीद।

अब जनता के मान लो, होंगे स्वप्न शहीद।

होंगे स्वप्न शहीद जब, सो जायेंगे लोग।

सत्ता तब करने लगे, जनता का उपयोग।

जनता के उपयोग से, धर्म जाति का खेल।

फिर विकास की नाक पर, कसते धूर्त नकेल।

कसते धूर्त नकेल जब, सोती रहे अवाम।

ऐसी जनता कर्म से, ख़ुद ही बने ग़ुलाम।

खुद ही बने गुलाम तो, फिर कैसा प्रतिकार।

मान रहे हैं लोग सब, पीड़ा को उपहार।

पीड़ा को उपहार में, लेकर सब हैं मस्त।

उनका सूरज इस तरह, हो जाता है अस्त।

हो जाता है अस्त जब, सूरज, ढलती शाम।

लोग करें सब शाम को, बस ठेके के नाम।

बस ठेके के नाम पर, बिक जाते मरदूद।

खो देते हैं यूं सभी, अपना सकल वजूद।

अपना सकल वजूद जब, हो धूर्तों के नाम।

यारों फिर करता रहे, कोई किसे प्रणाम।


(मौलिक व अप्रकाशित)

छन्दोत्सव में अपनी  प्रस्तुति तनिक विलम्ब से प्रस्तुत कर रहा हूँ. 

आदरणीय वामनकर सर, सादर अभिवादन एवं अनुपम चित्राभिव्यक्ति हेतु हार्दिक बधाई। आपके लिए कुछ दोहे -

वामनकर जी आप हैं, अद्भुत दोहाकार।

हर दोहा ही आपका, करता गहरी मार।।

रचे आपने चित्र पर, बारह  दोहे  आज।

वही बनाते आपको, दोहों का सरताज।।

रोचक  दोहे  आपके,  दिखी  नयी  तकनीक।

जो मुझको रुचिकर लगी, और बहुत ही नीक।।

पहले का अंतिम चरण, अगले कीशुरुआत।

हर दोहा ही आपका, कहे  गजब की  बात।।

दोहों  में  ही  दे  रहे,   प्रतिक्रियाएँ    आप।

मुझको तो यह आपका, लगता प्रबल प्रताप।।

दिली  बधाई  आपको,  देता  हूँ  मैं  आज।

वामनकर जी आप पर, मुझको होता नाज।।

-हरिओम श्रीवास्तव-

मिली प्रशंसा आपकी, बस लेखन सार।

दिल से श्री हरिओम जी, बहुत बहुत आभार।।

आदरणीय हरिओम जी, मेरे प्रयास को मान देने और इस छंदमयी मुग्ध करती प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर

आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। देर से ही सही लेकिन नये अंदाज में दोहों की प्रस्तुति से आपने अद्भुत शमा बाँध दिया। बहुत बहुत हार्दिक बधाई।

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर

जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, प्रदत्त चित्र पर आपने बहुत उम्द: दोहे रचे हैं,पढ़ कर आनंद आ गया, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

'कसते धूर्त नकेल जब, सोती है आवाम'

इस पंक्ति के अंतिम चरण में आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि 'आवाम' ग़लत शब्द है, सहीह शब्द है "अवाम" और ये अरबी भाषा का है, इसे आवाम लिखना उचित नहीं है, दूसरी बात ये कि ये शब्द पुल्लिंग है, तीसरी बात ये कि ये अरबी शब्द "आम्मा" का बहुवचन है, देखिएगा ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
10 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
yesterday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  रीति शीत की जारी भैया, पड़ रही गज़ब ठंड । पहलवान भी मज़बूरी में, पेल …"
yesterday
आशीष यादव added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला नजरिया मिलावल भइल आज माहुर खटाई भइल आज…See More
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
Nov 17
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 16

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service