For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

  

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ पचासवाँ आयोजन है.   

 

इस बार के आयोजन के लिए सहभागियों के अनुरोध पर अभी तक आम हो चले चलन से इतर रचना-कर्म हेतु एक विशेष छंद साझा किया जा रहा है। दूसरा छंद कुण्डलिया रहेगा ही। इसतरह कुल दो छंदों में से किसी एक के, या बन सके तो दोनों छंदों में अचना-कर्म करना है। 

अर्थात, इस बार के दो छंद हैं - घनाक्षरी छंद (मनहरण घनाक्षरी) / कुण्डलिया छंद  

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 

21 अक्टूबर अगस्त’ 23 दिन शनिवार से 22 अक्टूबर’ 23 दिन रविवार तक

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.  

कुण्डलिया छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

मनहरण घनाक्षरी छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लि...

जैसा कि विदित है, कई-एक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती हैं.

*********************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 21 अक्टूबर अगस्त’ 23 दिन शनिवार से 22 अक्टूबर’ 23 दिन रविवार तक रचनाएँ तथा टिप्पणियाँ प्रस्तुत की जा सकती हैं। 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करें.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें. 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. 
  8. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  9. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम  

Views: 664

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, प्रस्तुत छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार. सादर 

कुण्डलिया छंद 

___________
रानी सुन सावन घटा, लगते तेरे बाल।
कुछ चाँदी के तार पर,विघ्न  रहे हैं डाल।।
विघ्न रहे हैं डाल, कौंधते बिजली जैसे।
मुझको देते फिक्र, छोड़ दूँ इनको कैसे।।
आज निकालूँ खींच, न चलने दूँ मनमानी।
जरा खिसक कर पास,बैठ जा मेरी रानी।।
___________
पप्पू के पापा सुनो,ध्यान लगाकर बात।
बालों में कुछ घुस गया,जब सोई थी रात।। 
जब सोई थी रात, जरा देखो तो झट से।
नाखूनों के बीच, दबाकर मारो पट से।।
नींद न आई रात, खो रही हूँ मैं आपा।
अब न करो तुम देर,सुनो पप्पू के पापा
______
मौलिक व अप्रकाशित 

हा हा हा............ 

जिस चुहल की अपेक्षा प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करने के क्रम में थी, उसका निर्वहन गुदगुदी कर रहा है, आदरणीया प्रतिभा जी। 

कुछ चाँदी के तार पर,विघ्न रहे हैं डाल ...  इस भाव पर जितना कहा जाय, कम होगा। 

जब सोई थी रात, जरा देखो तो झट से।
नाखूनों के बीच, दबाकर मारो पट से।।
नींद न आई रात, खो रही हूँ मैं आपा।
अब न करो तुम देर,सुनो पप्पू के पापा ......... वाह वाह वाह .. इन मुखर पंक्तियों खे लिए विशेष बधाई 
शुभातिशुभ

आदरणीय सौरभ जी छंद प्रयास पर आपकी उत्साहवर्धन करती टिप्पणी से रचनाकर्म सार्थक हुआ। हार्दिक आभार आदरणीय 

आ. प्रतिभा बहन, बहुत ही सार्थक छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।

हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी

   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रदत्त चित्र अनुसार  दोनों ही कुण्डलिया छंद आपने बहुत सुन्दर रचे हैं. बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. सादर 

आदरणीय अशोक जी

उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया के लिये हार्दिक आभार 

मनहरण घनाक्षरी छंद
****
सजनी सेंके धूप तो साजन केश सँवारे, दूर गाँव में ही दिखें ऐसे भले नजारे।।
नहा धोकर धूप में साजनी जब खोलती, काले धने ये केश तो लगते बड़े प्यारे।।
लेकिन दुख की बात, दिखते जूँयें लीख हैं, जब उनमें साजन बैठ के कंघी मारे।
डाल मेडीकर मार, दे दो कोई सीख भली, वर्ना नजर आयेंगे, उसे दिन में तारे।।
***
भोला भाला खूब वह, करता सजनी सेवा, जीवन जीना चाहता, जैसे हो परछाई।
नर सा वो तो नार को, रखता है सम्मान दे, पर कहते हैं लोग क्यों, उसे भला लुगाई।।
वैसे तो ये नवयुग, पर क्योंकर जन को, ऐसी समतामूलक बात नहीं है भाई।।
सुन के जन की बात, प्रश्न उठा है मन में, कैसे सहज धुलेगी, मानस में जो काई।।
***
*****
मौलिक/अप्रकाशित

आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, प्रदत्त चित्र अनुसार भाव लिए घनाक्षरी पर सुन्दर प्रयास हुआ है आपका. हार्दिक बधाई स्वीकारें. प्रवाह पर कुछ और ध्यान दिया जाए तो बेहतर होगा. द्वितीय दण्डक की द्वितीय पंक्ति में एक वर्ण बढ़ भी गया है. सादर 

आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। छन्दों पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन के लिए आभार। धनाक्षरी पर पहला प्रयास है। प्रवाह पर ध्यान देने का प्रयास करूँगा। सादर..

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी

प्रदत्त चित्रानुकूल सुन्दर छंद सृजन,हार्दिक बधाई 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   वाह ! प्रदत्त चित्र के माध्यम से आपने बारिश के मौसम में हर एक के लिए उपयोगी छाते पर…"
32 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत कुण्डलिया छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
35 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, कुण्डलिया छंद पर आपका अच्छा प्रयास हुआ है किन्तु  दोहे वाले…"
36 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया छंद रचा…"
39 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया…"
44 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आती उसकी बात, जिसे है हरदम परखा। वही गर्म कप चाय, अधूरी जिस बिन बरखा// वाह चाय के बिना तो बारिश की…"
1 hour ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीया "
2 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"बारिश का भय त्याग, साथ प्रियतम के जाओ। वाहन का सुख छोड़, एक छतरी में आओ॥//..बहुत सुन्दर..हार्दिक…"
3 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्र पर आपके सभी छंद बहुत मोहक और चित्रानुरूप हैॅ। हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेश कल्याण जी।"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आयोजन में आपकी उपस्थिति और आपकी प्रस्तुति का स्वागत…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आप तो बिलासपुर जा कर वापस धमतरी आएँगे ही आएँगे. लेकिन मैं आभी विस्थापन के दौर से गुजर रहा…"
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service