For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीतिका(आधार छंद-दोहा) -रामबली गुप्ता

सोच समझ कर बोलिए, बातें सदा विनीत
छूटा धनु से बाण जो, लौटा कब हे! मीत

तीर-धनुष-तलवार से, बड़े दया औ' प्रेम
इन्हें बना लें शस्त्र यदि, जग को लेंगे जीत।

द्वेष-दंभ सम अरि सखे! यहाँ मनुज के कौन
बिन इनके संहार के, उपजे कब हिय प्रीत

सतत प्रयासों के करें, ऐसे तीव्र प्रहार
पर्वत पथ खुद छोड़ दें, होकर भय से भीत

अधर-सुधा घट भौंह-धनु, मुख उज्ज्वल सम चंद्र
दृग-मद सर मृदु बोल ज्यों, रति ने गाया गीत

उसके आने से सदा, हो चेतन तन प्राण
मन के सूने साज तब, छेड़ें मृदु संगीत

श्री के सम्मुख शारदे! घटा तुम्हारा मान
हाय! भरत की भूमि पर, आई कैसी रीत

धरे सुखद छवि हिय करें, कल का स्वागत भ्रात
करके जीवन का दुखद, विस्मृत विगत अतीत

जग-जन-हित शुचि कर्म का, हो यदि मन में भाव
वृक्षारोपण सा कहाँ, है तब कार्य पुनीत

रचनाकार- रामबली गुप्ता

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 480

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 21, 2018 at 11:17am

बहुत बढ़िया(आधार छंद ) छंद गीतिका लिखी है आद० रामबली जी बहुत बहुत बधाई लीजिये 

अधर-सुधा घट भौंह-धनु, मुख उज्ज्वल सम चंद्र
दृग-मद सर मृदु बोल ज्यों, रति ने गाया गीत----वाह्ह्हह्ह लजवाब 

Comment by Sushil Sarna on November 19, 2018 at 3:49pm

सोच समझ कर बोलिए, बातें सदा विनीत
छूटा धनु से बाण जो, लौटा कब हे! मीत

बहुत सुंदर आदरणीय रामबली गुप्ता जी ... इस भावपूर्ण गीतिका के लिए हार्दिक बधाई।

Comment by Samar kabeer on November 19, 2018 at 2:50pm

जनाब रामबली गुप्ता जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
2 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
5 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
5 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
5 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
5 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service