For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")


एक दिन तंग आकर ज़िंदगी मौत से बोली-" आख़िर तू मुझे कब तक डसती रहेगी ?"
मौत खिलखिलाकर बोली-" जब तक तू जीने की हठ करती रहेगी ।"

मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 508

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohammed Arif on April 4, 2018 at 1:22pm

बहुत-बहुत आभार आदरणीय विजय निकोर जी ।

Comment by vijay nikore on April 4, 2018 at 9:36am

भाई आरिफ़ जी, लघुकथा इतने कम शब्दों में इतना कुछ कह सकती है, सच, यह सोचा न था। दाद देता हूँ आपकी सोच को। बधाई

Comment by Mohammed Arif on April 2, 2018 at 9:16pm

आपकी इस्लाह सर आँखों पर । सुधार कर लिया है आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब । आपकी प्रतिक्रिया ने इस लघुकथा पर सफलता की मोहर लगा दी । लेखन सार्थक हो गया । दिली आभार ।

Comment by Mohammed Arif on April 2, 2018 at 9:13pm

बहुत-बहुत आभार आदरणीय अजय तिवारी जी ।

Comment by Samar kabeer on April 1, 2018 at 10:09pm

जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,बहुत ख़ूब वाह, शानदार,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

'डँसती'--"डसती"

Comment by Ajay Tiwari on April 1, 2018 at 4:53pm

आदरणीय आरिफ साहब, दूसरी पंक्ति में 'का' की जगह 'की' टंकित हो गया है. बहुत अच्छी लघुकथा हुई. हार्दिक बधाई.  

Comment by Mohammed Arif on April 1, 2018 at 2:05pm

लघुकथा के मर्म को समझ उस पर त्वरित निरपेक्ष टिप्पणी देने का बहुत-बहुत आभार आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on April 1, 2018 at 10:25am

बेहतरीन यथार्थपूर्ण कटाक्षपूर्ण सृजन के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service