For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लिटिल चैम्पियन ( लघुकथा )

"महज़ सात वर्ष की उम्र में "सिल्वर स्क्रीन लिटिल चैम्पियन" जीतने वाला तुम्हारे डांसर बेटे का ,ये क्या हाल हो गया रेखा ?"
 " उस लिटिल चैम्पियनशिप ने ही तो उसको बरबाद किया है " उसने अपने आँखों में उतरे समंदर को संभालते हुए कहा ।
 " ये क्या कह रही हो तुम ! "
 "हाँ ,सच कह रही हूँ , उस चैम्पियनशिप जीतने के बाद नाचने में ही वह लगा रहा , पढ़ाई छूट गयी उसकी , और तुम तो जानती हो कि फिल्मी दुनिया के भाई -भतीजेवाद में कहाँ मिलता है बाहर वालों को स्थान ? "
 " वह स्टेज परफॉर्मर तो बन ही सकता है अपने इस छोटे शहर में ! "
 " अरे , वह इतना बड़ा " सिल्वर स्क्रीन अवार्डी " क्या गलियों -मुहल्लों में नाचता फिरेगा ? "
 " समझ गयी , इसलिए अब वह , सिर्फ नाईट -क्लब में , नशा करते हुए जिंदगी के खोये सपनो को ढूंढता फिरता है "



मौलिक और अप्रकाशित

Views: 419

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by kanta roy on March 28, 2016 at 10:01am

आपको कथा  अछि  लगी  मेरे  लिए  हर्ष  का  विषय  है  आदरणीय तेजवीर  जी  . आभार  आपको 

Comment by kanta roy on March 28, 2016 at 10:00am

मेरी  रचना कर्म पर  सदा  मेरा  हौसला  बढ़ाती  है आप  आदरणीया  नीता  जी . दिल  से  आभार  आपको 

Comment by kanta roy on March 28, 2016 at 9:59am

आभार  आपको  तहेदिल  आदरणीया  राहिला  जी  कथा  पर  मुझे  प्रोत्साहित  करने  हेतु  

Comment by TEJ VEER SINGH on March 3, 2016 at 12:16pm

हार्दिक बधाई आदरणीय कांता जी!बेहतरीन प्रस्तुति!

Comment by Nita Kasar on March 2, 2016 at 12:28pm
बच्चों पर अपनी उम्मीदों का बोझ डालकर कितना गलत करते है माता पिता काश समय रहते बच्चों को संभाल लेते और उन्है बचपन जीने का मौका देते ।बधाई प्रेरक कथा के लिये आद०कांता राय जी ।
Comment by Rahila on March 1, 2016 at 7:42am
ये एक ऐसा सच हैं जो बच्चों का बचपन तो छीन ही लेता है आगे की जिन्दगी भी अंधेरों में धकिल जाती है । और ऊपर से अति महत्वकांक्षी मां बाप कसर पूरी कर देते है । बहुत बधाई आपको आदरणीया कांता दी! ये रचना तो ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचनी चाहिये । सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service