For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ट्रैफिक नियम [दोहावली]

दायें बायें देख के, खुद को कर तैयार
राह सुरक्षित हो तभी, करना उसको पार ||

सड़क सुरक्षा के लिए, नियमों का कर ध्यान
राह बनेगी सरल तब और मिलेगा मान ||

ट्रैफिक सिग्नल के नियम, रखते हैं जो ध्यान
मंजिल मिलती है उन्हें, पथ होता आसान ||

तीन रंग का खेल है ,समझ न इसको खेल
पीला नीचे लाल के संग हरे का मेल ||

दिखे लाल बत्ती अगर, झट से रुकना यार
खतरे का हो सामना, किया अगर जो पार ||

पीली बत्ती देख के, हो जाना तैयार
फूंक फूंक के पग धरो ,जीवन के दिन चार ||

दिखे हरी बत्ती अगर, पार करो तब राह
जल्दी से देरी भली ,मेरी यही सलाह ||

जल्दी जल्दी क्यों करो, पथ जो करना पार
यह जीवन अनमोल है, यह जीवन उपहार ||

करके मदिरापान जो, अगर चलाई कार
कटता फिर चालान औ अपमानित बेकार ||

ट्रैफिक नियमों को अगर किया नहीं स्वीकार
जुर्माना हो साथ में जेल मिले तैयार ||

......................................................

...........मौलिक व अप्रकाशित................

Views: 727

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on June 19, 2014 at 1:58pm

रचना में आपके विचार सार्थक हैं। बधाई।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 18, 2014 at 2:03am

ग़ज़ब ! बहुमूल्य सुझाव और सही नसीहत  !

इन उन्नत दोहो के लिए हार्दिक बधाई और अनेकानेक शुभकामनाएँ..

आदरणीया प्राचीजी का सुझाव क्यों उचित है, इसे समझियेगा.

सादर

Comment by annapurna bajpai on June 12, 2014 at 8:04pm

वाह !! सुंदर दोहवली , आ0 सरिता भाटिया जी कितने सुंदर  ढंग से आपने ट्रैफिक नियम समझाए है , बहुत बधाई आपको और आपकी लेखनी को नमन । 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 12, 2014 at 5:37pm

आदरणीया सरिता जी , बहुत अलग विषय ( ट्रफिक नियमों ) को दोहों के लिये आपके चुना है , बहुत सुन्दर दोहों की रचना की है , आपको बधाइयाँ ।

Comment by Sarita Bhatia on June 12, 2014 at 2:51pm

शुक्रिया शिज्जू भाई दिल खुश  हुआ 

Comment by Sarita Bhatia on June 12, 2014 at 2:50pm

आदरणीय गोपाल जी हार्दिक आभार 

Comment by Sarita Bhatia on June 12, 2014 at 2:50pm

शुक्रिया अरुण जी 

Comment by Sarita Bhatia on June 12, 2014 at 2:50pm

आदरणीया प्राची जी आपकी विस्तृत टिप्पिनी  पाकर दिल खुश हो गया 

मुझे लगा मैं अपने सन्देश को आप तक पहुंचा पाई ,हार्दिक आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on June 11, 2014 at 8:55pm

वाह आदरणीया सरिता जी कमाल कर दिया बेहतरीन दिलीदाद कुबूल फरमाएँ

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 11, 2014 at 7:50pm

सरिता जी

आपने दोहों के माध्यम से उपयोगी जानकारी  दी i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service