For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शरीर पर बेदाग पोशाक, स्वच्छ जेकेट, सौम्य पगड़ी एवं चेहरे पर विवशता, झुंझलाहट, उदासी और आक्रोश के मिले जुले भाव लिए वे गाड़ी से उतरे... ससम्मान पुकारती अनेक आवाजों को अनसुना कर वे तेजी से समाधि स्थल की ओर बढ़ गए... फिर शायद कुछ सोच अचानक रुके, मुड़े और चेहरे पर स्थापित विभिन्न भावों की सत्ता के ऊपर मुस्कुराहट का आवरण डालने का लगभग सफल प्रयास करते हुये धीमे से बोले- “मैं जानता हूँ, जो आप पूछना चाहते हैं... देखिये, आप सबको, देश को यह समझना चाहिए... और समझना होगा कि ‘गांधी’ जी के पदचिह्नों पर, उनके दिखाये, बताए, सुझाए रास्तों पर चलना ही हमारी प्रथम प्राथमिकता एवं प्रतिबद्धता है...” कहकर वे मुड़े और तेजी से चलते हुये भीतर प्रवेश कर गए... शीघ्र ही वातावरण में ‘गांधीजी’ के प्रिय भजन की स्वरलहरियां तैरने लगीं.... “वैष्णव जन तो.... “ 

_________मौलिक/अप्रकाशित__________

Views: 852

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Shubhranshu Pandey on October 6, 2013 at 5:02pm

आदरणीय संजय जी.

उस बेदाग पोशाक को धारण कारने वाले को इतना ही बोलने की इजाजत थी.

गांधी के पद चिन्हों पर चलते हुये वो इतना मशगूल है कि गांधी और ’जी’ की कहन और उन दोनों के कथन के अन्तर को समझना छोड़ दिया है...

सादर.

 

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on October 4, 2013 at 8:47am

उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार स्वीकारें आदरणीया अन्नपूर्णा वाजपेयी जी....

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on October 4, 2013 at 8:43am

आदरणीय सौरभ बड़े भईया, पीठ पर आपकी थपकी न केवल उत्साह बढ़ाती है, सकारात्मक सृजन हेतु प्रेरित करती है बल्कि स्नेहपूर्वक उसका मार्ग भी प्रशस्त करती है... आपकी "एक बात" निसंदेह गांठ बांध कर रखने वाली है... दरअसल चाटुकारिता की पराकाष्ठा को प्रदर्शित करने के लिए अतिशयोक्ति पूर्ण वाक्य विन्यास चाह रहा था, नतीजतन यह असंगत प्रयोग हो गया... 

अनुज का सादर नमन/आभार स्वीकारें...

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on October 4, 2013 at 8:28am

उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार स्वीकारें आदरणीय भाई ब्रजेश नीरज जी....

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on October 4, 2013 at 8:28am

उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार स्वीकारें आदरणीय विजय मिश्र जी....

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on October 4, 2013 at 8:27am

उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार स्वीकारें आदरणीय डा आशुतोष मिश्र जी....

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on October 4, 2013 at 8:26am

उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार स्वीकारें आदरणीय भैया अरुण निगम जी...

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on October 4, 2013 at 8:25am

उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार स्वीकारें आदरणीया वंदना जी....

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on October 4, 2013 at 8:24am

उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार स्वीकारें आदरणीय भाई सुशील जोशी जी....

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on October 4, 2013 at 8:23am

उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार स्वीकारें आदरणीय गिरिराज भण्डारी जी...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service