For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वे तो हमारी कविता कम सुनते थे हम उनसे हमारी हास्य कवितायें ज्यादा सुनते थे

हिन्दू हृदयसम्राट श्री बाला साहेब ठाकरे के देहावसान से मुझे वैयक्तिक दुःख पहुंचा है . उनकी सुप्रसिद्ध कार्टून पत्रिका मार्मिक के वर्धापन समारोह हों या उनके नाती-नातिन के जन्म-दिवस समारोह, अनेक बार उनके साथ रंगारंग महफ़िलें जमती थीं जिनमे वे तो हमारी कविता कम सुनते थे हम उनसे हमारी हास्य कवितायें ज्यादा सुनते थे . अनेक कवियों की कवितायें उन्हें याद थीं और हू बहू उसी शैली में सुना कर तो वे विस्मित कर देते थे . हिंदी और हिंदी कवियों को भरपूर सम्मान और स्नेह देने वाले महान कलाकार, रसिक श्रोता, मुखर वक्ता,प्रखर नेता और सजग समाजसेवी के साथ साथ साथ सतत समर्पित राष्ट्रभक्त लोकनेता श्रद्धेय बाला साहेब की पावन स्मृति को शत शत आत्मिक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ और उन्हीं की मनपसंद अपनी एक कविता आज यहाँ प्रस्तुत करता हूँ

विनम्र 
अलबेला खत्री 


इसलिए गर्व से कहते हैं - हम हिन्दू हैं



क्योंकि हमारी देह में कट्टरता का कलुषित रक्त नहीं है 

सीधे सादे प्रेमपुजारी हैं हम बगुले भक्त नहीं है 


कनक - कामिनी की खातिर हमने न क़त्लेआम किया 

नहीं लुटेरा बन कर हमने कभी कहीं कोहराम किया 


हाथ उठा न कभी हमारा बेबस पर मज़लूमों पर 

हमने कभी नहीं अंगारे बरसाए मासूमों पर 


कभी नहीं कुचला है हमने कुसुमों को - कलिकाओं को 

शक्ति कहा है, भोग की वस्तु नहीं कहा महिलाओं को 


बूंद बूंद में, कण कण में प्रभु की सत्ता को जाना है 

नहीं पराया गिना किसी को, सबको अपना माना है 


हम नफ़रत  के नाले नहीं हैं, स्नेहक्षीर के सिन्धु हैं 

इसलिए गर्व से कहते हैं - हम हिन्दू हैं, हम हिन्दू हैं  


-अलबेला खत्री

Views: 516

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 19, 2012 at 9:17pm

छियासी वर्षीय बाल ठाकरे को विनम्र श्रद्धांजली देते मेरी ही रचना के अंश -

हजारे लोग जिन्हें अपना मसीहा मानते,
जो मुंबई ही नहीं महाराष्ट्र की शान रहे 
जिन्हें लोग हिमालय सा अडिग मान रहे 
ऐसे निर्भीक, स्पष्ट वक्ता, हिंदूवादी मराठी 
देश भक्त को नमन शत शत नमन ।
Comment by Ashok Kumar Raktale on November 19, 2012 at 9:07pm

स्व.बाल ठाकरे जी के श्रद्धांजलि अर्पित करती सुन्दर रचना के लिए बधाई स्वीकारें.अवश्य ही देश ने राजनीति में भूचाल ला देने कि क्षमता रखने  वाले सच्चे देशभक्त को खोया है.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 18, 2012 at 12:14pm

बाक ठाकरे जी को विनम्र श्रद्धांजली उनके विषय में बहुत कुछ सुनते जानते आये है आपकी इस पोस्ट से उनका हास्य कविता प्रेमी होने का भी पता लगा आपकी कविता हिन्दुस्तानी होने  का गर्व दिलाती है बहुत बहुत बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Vikas is now a member of Open Books Online
7 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
yesterday
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service