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अंधेरों को मिटाने का इरादा हम भी रखते हैं
कि हम जुगनू हैं थोडा सा उजाला हम भी रखते हैं

अगर मौका मिला हमको ज़माने को दिखा देंगे
हवा का रुख बदलने का कलेज़ा हम भी रखते हैं 

हमेशा खामियां ही मत दिखाओ आइना बन कर
सुनो अच्छाइयों का इक खज़ाना हम भी रखते हैं


महकती है फिजायें भी चहक़ते हैं परिंदे भी
कि अपने घर में छोटा सा बगीचा हम भी रखते हैं


हमारे पास भी है अब नए फीचर का मोबाइल
अजय देखो तो मुट्ठी में ज़माना हम भी रखते हैं

 (मौलिक एवं अप्रकाशित)

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Comment by Neeraj Nishchal on August 5, 2014 at 3:52pm

अंधेरों को मिटाने का इरादा हम भी रखते हैं
कि हम जुगनू हैं थोडा सा उजाला हम भी रखते हैं

 बहुत ही   बेहतरीन  । 

कृपया ध्यान दे...

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