For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भारतीय नव वर्ष तथा काल गणना.......

काल खंड को मापने के लिए जिस यन्त्र का उपयोग किया जाता है उसे काल निर्णय, काल निर्देशिका या कलेंडर कहते हैं|
दुनिया का सबसे पुराना कलेंडर भारतीय है | इसे स्रष्टि संवत कहते हैं,इसी दिन को स्रष्टि का प्रथम दिवस माना जाता है| यह संवत १९७२९४९११३ यानी एक अरब, सत्तानवे करोड़ ,उनतीस लाख, उनचास हज़ार,एक सौ तेरह वर्ष (मार्च २०१२ तक, विक्रम संवत २०६९ के प्रारंभ तक ) पुराना है|
हमारे ऋषि- मुनियों तथा खगोल शास्त्रियों ने ३६० डिग्री के पुरे ब्रह्माण्ड को २७ बराबर हिस्सों में बांटा तथा इन्हें नक्षत्र नाम दिया| इनके नाम क्रमश निम्न हैं....
अश्विनी, भरिणी, कृतिका, रोहिणी, म्रगसिरा, आद्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, माघ, पुफा, उफा, हस्ती, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, गूला, पूषा, उषा, श्रवण, घनिष्टा, शतवार, पु-भा, उमा तथा रेवती रखे गए |..
इनमे से बारह नक्षत्रों में चंद्रमा की स्थिति के आधार पर महीनो के नाम रखे गए हैं| एक, तीन, पांच, आठ, दस, बारह, चोदह, अठारह, बीस, बाईस व पच्चीसवें नक्षत्र के आधार पर भारतीय महीनों के नाम .....चैत्र, बैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन, भादों, आश्विन, कार्तिक, मगहर , पूस , माघ व फागुन रखे गए|
प्रश्न यह है कि भारतीय नव वर्ष का प्रारंभ चैत्र मास से ही क्यों?
वृहद नारदीय पुराण में वर्णन है कि ब्रह्मा जी ने स्रष्टि सृजन का कार्य चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही प्रारम्भ किया था|..
वहां लिखा है....
" चैत्र मासि जगत, ब्रहम्ससर्जाप्रथमेअइति |"
इसीलिए ही भारतीय नववर्ष का प्रारंभ आद्यशक्ति भगवती माँ दुर्गा की पूजा उपासना के साथ चैत्र मॉस से शुरू करते हैं|.
भारतीय नव वर्ष.....जारी.....
हमारे ऋषि मुनियों ऩे सूर्य के महत्त्व ,उपयोगिता को समझते हुए रविवार को ही सप्ताह का पहला दिन माना|उन्होंने यह भी आविष्कार किया कि सूर्य, शुक्र, बुधश्च, चन्द्र, शनि, गुरु, मंगल नमक सात ग्रह हैं| जो निरंतर प्रथ्वी कि परिक्रमा करते रहते हैं| और निश्चित अवधि पर सात दिन मे प्रत्येक ग्रह एक निश्चित स्थान पर आता है| इन ग्रहों के आधार पर ही सात दिनों के नाम रखे गए|
सात दिनों के अन्तराल को सप्ताह कहा गया,इसमें रात दिन दोनों शामिल हैं| ज्योतिष गणित कि भाषा मे दिन-रात को अहोरात कहते हैं | यह चौबीस घंटे का होता है| एक घंटे का एक होरा होता है| इसी होरा शब्द से अंग्रेजी का hour शब्द बना है| प्रत्येक होरा का स्वामी कोई ग्रह होता है| सूर्योदय के समय जिस ग्रह कि प्रथम होरा होती है उसी के आधार पर उस दिन का नाम रखा गया है| इस प्रकार सोमवार ,मंगलवार, बुधवार, ब्रहस्पतिवार ,शुक्रवार,तथा अंतिम दिन शनिवार पर ख़त्म होता है|
भारतीय ऋषि-मुनियों ऩे काल गणना का सूक्ष्मतम तक अध्यन किया| इसके अनुसार दिन रात के २४ घंटों को सात भागों मे बांटा गया और एक भाग का नाम रखा गया 'घटी'| इस प्रकार एक घटी हुई २४ मिनट के बराबर और एक घंटे मे हुई ढाई घटी| इससे आगे बढ़ें तो एक घटी मे ६० पल, एक पल मे ६० विपल, एक विपल मे ६० प्रतिपल |
२४ घंटे=६० घटी
एक घटी=६० पल
एक पल=६० विपल
एक विपल=६० प्रतिपल
अगर हम काल गणना कि बड़ी इकाई देखें तो ....
२४ घंटे =१ दिन
३० दिन = १ माह
१२ माह = १ वर्ष
१० वर्ष =१ दशक
१० दशक =१ शताब्दी
१० शताब्दी =१ सहस्त्राबदी
हजारों सालों को मिलाकर बनता है एक युग| युग चार होते हैं|
कलयुग=चार लाख बत्तीस हज़ार वर्ष (४३२००० वर्ष)
द्वापरयुग =आठ लाख चौसंठ हज़ार वर्ष (८६४००० वर्ष)
त्रेतायुग =बारह लाख छियानवे हज़ार वर्ष (१२९६००० वर्ष)
सतयुग =सत्रह लाख अट्ठाईस हज़ार वर्ष (१७२८००० वर्ष)
एक महायुग =चारों युगों का योग =४३२००० वर्ष
१००० महायुग =एक कल्प
एक कल्प को ब्रह्मा जी का एक दिन या एक रात मानते हैं| अर्थात ब्रह्मा जी का एक दिन व एक रात २००० महायुग के बराबर हुआ| हमारे शास्त्रों मे ब्रह्मा जी कि आयु १०० वर्ष मानी गई है| इस प्रकार ब्रह्मा जी कि आयु हमारे वर्ष के अनुसार ५१ नील ,१० ख़राब ,४० अरब वर्ष होगी| अभी तक ब्रह्मा जी कि आयु के ५१ वर्ष एक माह,एक पक्ष के पहले दिन की कुछ घटिकाएं व पल व्यतीत हो चुके हैं|
समय की इकाई का एक अन्य वर्णन भी हमारे शस्त्रों मे पाया जाता है...
१ निमेष = पलक झपकने का समय
२५ निमेष =१ काष्ठा
३० काष्ठा = १ कला
३० कला = १ मुहूर्त
३० मुहूर्त =१ अहोरात्र (रात-दिन मिलाकर)
१५ दिन व रात = एक पक्ष या एक पखवाडा
२ पक्ष = १ माह (कृष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष)
६ माह = १ अयन
२ अयन = १ वर्ष (दक्षिणायन व उत्तरायण )
४३ लाख २० हज़ार वर्ष = १ पर्याय ( कलयुग,द्वापर,त्रेता व सतयुग का जोड़ )
७१ पर्याय = १ मन्वंतर
१४ मन्वंतर = १ कल्प
वर्तमान भारतीय गणना के अनुसार वर्ष मे ३६५ दिन,१५ घटी, २२ पल व ५३.८५०७२ विपल होते हैं| तथा चन्द्र गणना के अनुसार भारतीय महीना २९ दिन,१२ घंटे, ४४ मिनट व २७ सेकंड का होता है| सौर गणना के अंतर को पाटने के लिए अधिक तिथि और अधिक मास तथा विशेष स्थिति मे क्षय की भी व्यस्था की गई है|
_--उपरोक्त गणनाओं के अनुसार अभी स्रष्टि के ख़त्म होने मे ४ लाख, २६ हज़ार, ८६३ वर्ष कुछ महीने,कुछ सप्ताह,कुछ दिन, बाकी हैं|

डॉ अ कीर्तिवर्धन ९९११३२३७३२

Views: 491

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by dr a kirtivardhan on January 13, 2012 at 12:25pm

ganesh ji,dhanyawad update karane ke liye

Comment by dr a kirtivardhan on January 13, 2012 at 11:39am

dhanyawad saurabh ji,baki pura aalekh bhartiya nav varsh tatha kaal ganana bhi dala hai.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 12, 2012 at 2:38pm

थोड़े में आपने अच्छी जानकारी साझा की है.  सादर धन्यवाद, कीर्तिवर्द्धनजी. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
23 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. गिरिराज जी "
23 minutes ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"सादर नमस्कार। नियमित सहभागी साथियों की रचना पटल पर उपस्थिति और प्रतिक्रिया से दिल ख़ुश हो जाता है।…"
30 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आ. भाई शेख शहजाद जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
34 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
39 minutes ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आदाब। रचना पटल पर उपस्थिति और प्रोत्साहन हेतु तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीया कल्पना भट्ट जी।…"
44 minutes ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"शहज़ाद भाई, हिन्दू-मुस्लिम न लिखकर कोई प्रतीक का प्रयोग किया जा सकता है? मार्मिक लघुकथा हुई है। बधाई…"
1 hour ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"कश्मीर के लोगों की पीड़ा नहीं है यह अपितु इस स्थिति से गुज़र रहे हर वो देश है जहाँ लगतार युध्द की…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सादर अभिवादन। आप जैसे सभी वरिष्ठो का स्नेहपूरण मार्गदर्शन पुनः मिलता रहे यही आकांक्षा है। "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"आदरणीय मयंक भाई ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा हुआ है , गुणी जन आवश्यक सलाह दे चुके है , ख़याल करिएगा "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"आदरणीय नीलेश भाई , हमेशा की तरह आपकी ग़ज़ल बेहतरीन लगी , हर एक शेर  उम्दा हुए हैं  पड़े जो…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुंदर और संदर्भगत लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service