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दंगाइयो से मेरी विनती

क्या तुम्हारा जमीर ना जागता

क्यों घायल किसी को करते हो

पुलिस वाले भी अपने भाई-बंधु

पत्थर उनको क्यूँ मारते हो ||

 

विरोध करना, विरोध करो तुम

संविधान अधिकार ये देता है

उपद्रव ना मचाने की

हिदायत भी संविधान हमारा देता है ||

उपद्रव का ना मार्ग चुनो

शांति से विरोध करो

पुलिस करती रखवाली हमारी

उस पर बेवजह ना वार करो ||

दिन रात करती हमारी सेवा

इस बात का तो ध्यान करो

पढे लिखे अच्छे समाज से आए

इस बात का थोड़ा ध्यान करो ||

 

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई

धर्मो को लेकर भेद ना हो

राजनीति का चक्कर है सब

अफवाहों पर ध्यान ना दो ||

 

धर्म निरपेक्ष है देश हमारा

किसी का हक मारने की बात नहीं

अच्छे से इस बात को समझो

यहाँ किसी अत्याचार की बात नहीं ||

"मौलिक व अपकाशित"

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Comment by PHOOL SINGH on January 21, 2020 at 12:45pm

भाई लक्ष्मण कों हौंसलअफजाई के लिये धन्यवाद

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 14, 2020 at 7:40am

आ. भाई फूल सिंह जी, अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by PHOOL SINGH on January 13, 2020 at 4:43pm

कबीर साहब आपका कोटि कोटि धन्यवाद 

Comment by Samar kabeer on January 3, 2020 at 3:33pm

जनाब फूल सिंह जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

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