गोलम्बर पर वह खड़ा था। अपनी गाड़ी का इंजन बंद कर दिया। जब सामने को निगाह फैलाई तो देखता है कि आंख के आगे जो गाड़ी खड़ी है उससे आगे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। इसलिए उसके पास इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं था। सामने से कुछ गाड़ियां आगे को बढीं लेकिन वह जस का तस ही था। उसकी बाध्यता थी कि वह आगे की गाड़़ी को हटाकर आगे को नहीं जा सकता था। पीछे की तरफ कुछ दूर पर एम्बुलैन्स के हार्न की आवाज सुनाई दे रही थी।
चैराहे पर जाम का दबाव कम हुआ। वह भी आगे बढ़ गया। लेकिन संयोग से उसे थोड़ी दूर जाने पर फिर रूकना पड़ा। इसलिए वह रूक गया। तभी आगे आती हुई एम्बुलेन्स की आवाज सुनाई पड़ी। एम्बुलेन्स जब सामने से पास कर रही थी तो देखा कि वह खाली नहीं थी उसमें रोगी लेटा हुआ था और उसके साथ में कुछ महिला पुरूष भी जा रहे थे।
कुछ देर बाद वह भी आगे बढा उसे कुछ काम था उसे निपटाकर वह अस्पताल जाना चाह रहा था। क्योंकि उसकी एक रिश्तेदार की तबीयत कुछ नासाज थी इसलिए उन्हें अस्पताल आना था और वह उनसे ही मिलने की आशा में अस्पताल जा रहा था।
अपना काम निपटाने के बाद वह जब अस्पताल में पहुंचा तो देखा कि वह एम्बुलेंस वहां पर ही खड़ी है।उसने अपनी गाड़ी खड़ी करने के बाद अपने रिश्तेदार से मिलने लिए वह अस्पताल की तरफ बढ़ रहा था। तभी उसकी परिचित एक महिला उसके सामने से आती दिखीं। उसने उनसे अपने रोगी के बारे में पूछा। महिला ने जो जल्दी.जल्दी में बताया उसका सारांश यह है कि वे लोग अपने गांव से प्राइवेट कार करके अस्पताल चले थे। चैराहे के पास लगभग आधी मील दूर से उन्हें जाम ने घेर लिया था। एक.एक इंच करके वे आगे बढ़ रहे थे। रोगी की तबीयत खराब होती ज ा रही थी। वह गांव से ही रोग के कारण परेशान थी। बहुत खराब होने पर ही अस्पताल पहुचाया जा रहा था। यहां जाम के कारण उसे तकलीफ हो रही थी। बगल में गाड़ियों की चिल्लपों के कारण उसे तनाव हो रहा था। परिणाम स्वरूप सांस की तकलीफ बढ़ रही थी। एक समय तो ऐसा लगा िक उसकी आंख बंद हो जायेगी लेकिन वह ठीक रही। कुछ ढीला पड़ने पर वे किसी प्रकार अस्पताल पहुंचे हैं। अब डाक्टर ने उसे खतरे से बाहर बताया है और यह आश्वासन दिया है कि वह कुछ समय बाद जल्द ही अपने घर वापस जा सकेगी।
यह सुनकर उसने एक लम्बी सांस ली और भगवान को धन्यवाद दिया कि उसके रिश्तेदार क ो सुरक्षित रखा।
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
एक अच्छा विषय समेटने की कोशिस की है आपने लघुकथा में..थोड़ी कसावट की दरकार है..
सुंदर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online