For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")


1212  1122 1212 22/112

क़ज़ा का करके मेरी इंतिज़ाम उतरी है ।
अभी अभी जो मेरे घर मे शाम उतरी है ।।

तमाम  उम्र  का ले तामझाम उतरी है ।
ये जीस्त मौत को करने  सलाम उतरी है ।।

अदाएं देख के उसकी ये लग रहा है मुझे ।
कि लेने  हूर  कोई  इंतिकाम  उतरी है ।।

वो शाम होते ही जायेगा मैकदे में फिर ।
शराब  उसको  बनाकर गुलाम उतरी है ।।

मरेंगे आज  यहां  बेगुनाह  फिर देखो ।
सड़क पे ले के सियासत अवाम उतरी है ।।

सियाह शब में उजालों की पैठ फिर होगी ।
किरन ये चाँद  का लेकर पयाम उतरी है ।।

बिखेर दी है फिजाओं में फिर नई ख़ुश्बू ।
हवा  जो आज लिए अहतराम उतरी है।।

      
ख़बर  मुझको  है तेरे इश्क़ की बलन्दी से ।
जवानी  हो  के  बहुत बेलगााम उतरी है ।।

सुना रहा हूँ ज़माने को आज फिर से मैं ।
जो याद जेहन में  लेकर  कलाम उतरी है ।।

वो बेवफा से मुहब्बत न छोड़ पायेगा ।
कि जिसके वास्ते इज्ज़त तमाम उतरी है ।।

जो उड़ रही थी तस्व्वुर में एक मुद्दत से ।
जमीं पे नींद वो करने हराम उतरी है ।।

        मौलिक अप्रकाशित
         डॉ नवीन मणि त्रिपाठी

Views: 368

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on February 17, 2019 at 12:23pm

आ0 आमोद श्रीवास्तव जी हार्दिक आभार

Comment by Naveen Mani Tripathi on February 17, 2019 at 12:22pm

आ0 कबीर सर सादर नमन 

ख़बर है मुझको तेरे इश्क़ की बुलन्दी से 

मिसरे को ऐसा कर रहा हूँ 

Comment by Samar kabeer on February 15, 2019 at 4:36pm

जनाब डॉ. नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

'ख़बर  मुझको  है तेरे इश्क़ की बलन्दी से'

इस मिसरे की बह्र चेक करें ।

Comment by amod shrivastav (bindouri) on February 14, 2019 at 10:56am

आ  रचना के लिए बधाई ...

ये...सड़क पे लेके सियासत अवाम उतरी है " बहुत खूब 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
1 minute ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service