For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आग़ोश -ए-जवानी ...

आग़ोश -ए-जवानी ...


न, न
रहने दो
कुछ न कहो
ख़ामोश रहो
मैं
तुम्हारी ख़ामोशी में
तुम्हें सुन सकता हूँ
तुम
एक अथाह और
शांत सागर हो
मैं
चाहतों का सफ़ीना हूँ
इसे अल्फाज़ की मौजों पर
रवानी दे दो
मेरे वज़ूद को
आग़ोश -ए-जवानी दे दो

सुशील सरना

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 574

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on July 9, 2018 at 2:32pm

आदरणीया नीलम उपाध्याय जी सृजन को मान देने का दिल से आभार।

Comment by Neelam Upadhyaya on July 9, 2018 at 2:00pm

आदरणीय  सुशील  सरना जी, नमस्कार ।  अच्छी रचना की प्रस्तुति के लिए बधाई । 

Comment by Sushil Sarna on July 6, 2018 at 8:23pm

आदरणीय तेजवीर सिंह जी सृजन को मान देने का दिल से आभार। टंकण त्रुटियों को एडिट कर दिया है। नज़र से चूक हो गयी। बहरहाल आपके स्नेह का शुक्रिया।

Comment by Sushil Sarna on July 6, 2018 at 8:23pm

आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब ... सृजन पर आपकी सुझावात्मक टिप्पणी का दिल से शुक्रिया। सर दो स्थानों पर टंकण त्रुटि थी उसे एडिट कर दिया है और अलफ़ाज़ भूला नहीं हूँ सर बस गलती से हो गया .. भविष्य में ध्यान रहेगा। पुनः आपका हार्दिक आभार।

Comment by TEJ VEER SINGH on July 6, 2018 at 7:59pm

हार्दिक बधाई आदरणीय सुशील सरना जी।अच्छी प्रस्तुति। लेकिन समर क़बीर साहब ने जो प्रश्न किया है, उस पर गौर कीजिये।मेरे विचार से तो रहने दो ही होना चाहिये।

Comment by Samar kabeer on July 6, 2018 at 6:10pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब,कम शब्दों में उम्दा कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

'रहने तो' या "रहने दो"?

'चाहतों को सफ़ीना हूँ'--"चाहतों का सफ़ीना हूँ"

'इसे अल्फ़ाज़ों की मौजों पर'--"इसे अल्फ़ाज़ की मौजों पर" ।

पहले भी बता चुका हूँ कि 'लफ़्ज़' का बहुवचन "अल्फ़ाज़" होता है,आप इतनी जल्दी भूल गए?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
2 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
4 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
4 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
4 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service