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ताजे फल , ताज़ी सब्जियां
बनाती है , स्वस्थ खून
ताजे विचार , ताज़ी सोच
बनाती है , स्वस्थ रिश्ते ॥

स्वस्थ रिश्ते
चढ़ाती है सीढिया
सफलता की ॥
और फिर
चंचल बनते है हम
लक्ष्मी बरसने लगती है ॥

फिर एक दिन ....
हमें जाना होता है
शाश्वत सत्य की दुनियां में
साथ नहीं जाती लक्ष्मी ॥

दुनियां .....
उसे और लक्ष्मी को भूल जाती है
याद रहती है
सिर्फ ...उसके द्वारा बनाये गए
स्वस्थ रिश्ते ॥

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on July 11, 2010 at 7:23pm
फिर एक दिन ....
हमें जाना होता है
शाश्वत सत्य की दुनियां में
साथ नहीं जाती लक्ष्मी ॥

दुनियां .....
उसे और लक्ष्मी को भूल जाती है
याद रहती है
सिर्फ ...उसके द्वारा बनाये गए
स्वस्थ रिश्ते

स्वस्थ रिश्ते जीवन में कभी साथ नहीं छोड़ते है बहुत सुन्दर बबन भैया.!!!!
Comment by Rash Bihari Ravi on July 9, 2010 at 1:10pm
फिर एक दिन ....
हमें जाना होता है
शाश्वत सत्य की दुनियां में
साथ नहीं जाती लक्ष्मी ॥

jai hoooooooo aapka jabab nahi ,

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 9, 2010 at 7:58am
बब्बन भईया बहुत ही अच्छी रचना , यह शरीर तो नश्वर है, कृति ही अमर रह जाती है, भौतिक चीजे सब यही रह जाती है जिसे पल भर मे लोग भूल जाते है, यही शाश्वत सत्य है, बहुत ही उम्द्दा रचना है, बधाई, बबन भाई ,

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