For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

122 122 122 122
तेरे अक्स के ख्वाब आते रहेंगे ।
मुहब्बत की रस्मे निभाते रहेंगे ।।

ये जुल्फों के साये में तेरे तबस्सुम ।
मुझे उम्र भर तक सताते रहेंगे ।।

नज़ारों से लूटा गया हूँ बहुत मैं ।
मगर फिक्र दिल से उडाते रहेंगे ।।

न ठुकरा सकोगी हमारी मुहब्बत ।
यकीनन तुझे याद आते रहेंगे ।।

बड़ी आरजू थी मुलाकात होगी ।
खबर क्या थी चिलमन गिराते रहेंगे ।।

तेरी खुशबुओं को बिखेरा करें वो ।
हवाओं से चर्चा चलाते रहेंगे ।।

करो जुल्म बेशक मगर याद रखना ।
अदाओ पे हम मुस्कुराते रहेंगे ।।

लगी कातिलाना हैं कमसिन निगाहें ।
कहाँ तक ये दामन बचाते रहेंगे ।।

खुदा बनके आयी है फ़ितरत तुम्हारी ।
तेरे दर पे फेरे लगाते रहेंगे ।।

तू मेरी ग़ज़ल है बहुत कुछ है लिखना ।
कलम हुस्न पर हम चलाते रहेंगे ।।

--नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
कॉपी राइट

Views: 846

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohammed Arif on June 14, 2017 at 8:37am
आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब, आली जनाब मुहतरम समर कबीर साहब पवित्र माह रमज़ान की वजह से एक माह की छुट्टी पर हैं । अगले माह शिरकत करेंगे ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on June 13, 2017 at 9:49pm
आ0 बैज नाथ शर्मा जी आभार ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on June 13, 2017 at 9:49pm
आ0 बैज नाथ शर्मा जी आभार ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on June 13, 2017 at 9:48pm
आ0 मो0 आरिफ़ साहब तहेदिल से शुक्रिया । पिछले कुछ दिनों से कबीर सर का दर्शन नही हो रहा है क्या वह ओबीओ छोड़ गए ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on June 13, 2017 at 9:48pm
आ0 मो0 आरिफ़ साहब तहेदिल से शुक्रिया । पिछले कुछ दिनों से कबीर सर का दर्शन नही हो रहा है क्या वह ओबीओ छोड़ गए ।
Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on June 13, 2017 at 9:37pm

आदरणीय मणि त्रिपाठी साहेब .....बहुत खूब ....बहुत बहुत बधाई आपको 

Comment by Mohammed Arif on June 13, 2017 at 6:31pm
आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब, बेहतरीन ग़ज़ल । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on June 13, 2017 at 4:48pm
आ0 रामबली गुप्ता जी सादर आभार ।
Comment by रामबली गुप्ता on June 13, 2017 at 4:11pm
वाकई इश्क के रंग में डूबी हुई ग़ज़ल कही है भाई नवीन मणि जी। हार्दिक बधाई स्वीकारें।सादर
Comment by Naveen Mani Tripathi on June 13, 2017 at 10:20am
आ0 बसंत साहब विशेष आभार

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
12 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Sunday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service