For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लोकतंत्र का ताजमहल (लघुकथा) /शेख़ शहज़ाद उस्मानी

क्षितिज पर अद्भुत नज़ारा था। पर्यटक-स्थल पर राजनीति-शास्त्र के प्रोफेसर वर्मा जी स्टाफ के बाक़ी लोगों की गतिविधियाँ ध्यान से देख रहे थे। कोई ढलती शाम के आसमान की फोटो ले रहा था, कोई अपनी सेल्फ़ी। त्रिपाठी जी उनके पास आकर संबंधित कविता सुनाने लगे। जब उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया तो त्रिपाठी जी बोले- "वर्मा जी, कहाँ खो गये? फिर कोई गहन चिंतन?"

"हाँ भाई, यह दृश्य देखकर कुछ मशहूर नारे याद आ गये थे!"

"नारे! इस वक़्त! कौन से?" त्रिपाठी जी ने पूछा।

आसमान की ओर हाथ उठाते हुए वर्मा जी बोले- "अरे वही न .. जिसमें मशहूर हस्तियों के नाम लेकर कहते हैं जैसे कि जब तक सूरज चाँद रहेगा, इन्दिरा तेरा नाम रहेगा या जे.पी. तेरा नाम रहेगा!"

"हाँ तो? अभी क्यूँ याद आ गये!"

"वे सब चले गये न! ... अब सोच रहा हूँ कि क्या कभी यह नारा भी जन्म लेगा ? ...जब तक सूरज चाँद रहेगा, लोकतंत्र तेरा नाम रहेगा!"

यह सुनकर वर्मा जी के कंधे पर हाथ रखकर त्रिपाठी जी ने कहा - "हाँ, कुछ मुल्कों में न सिर्फ़ लोकतंत्र बल्कि लोकतांत्रिक विचारधारा भी संकट में तो है, ख़ुदा ख़ैर करे ... लेकिन अपने देश का लोकतंत्र तो परिपक्व और मज़बूत ही हुआ है न!"

"मज़बूत हुआ नहीं है, इसकी नींव मज़बूत है और जो ताजमहल सा है नींव में साधारण किन्तु मज़बूत पत्थर हैं और ऊपर संगमरमर । नींव कमज़ोर करने की कोशिशें या ग़लतियें न हों, तभी टिक सकेगा।"

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 426

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on March 1, 2017 at 3:47pm
रचना आपको पसंद आया, प्रयास सफल हुआ। विचार साझा करने व हौसला अफ़जा़ई हेतु सादर हार्दिक धन्यवाद आदरणीय नीता कसार जी व डॉ. आशुतोष मिश्रा जी।
Comment by Nita Kasar on March 1, 2017 at 6:35am
ताजमहल की तरह लोकतंत्र हमारे देश की अनमोल धरोहर है जिसे सुदृढ़ बनाये रखाना हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है बधाई आपको आद०शेख शहज़ाद उस्मानी जी ।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on February 28, 2017 at 9:39pm
आदरणीय शेख जी लोकतंत्र को बचाना हम सबकी जिम्मेवारी है हमें आने वाली पीढ़ियों को सुकून भरी जिंदगी अगर देनी है तो वाकई ऐसे हर प्रयास को नाकाम बनाना ही पड़ेगा ताकी नयी पीढी को स्वस्थ लोकतंत्र मिल सके बहुत ही सूंदर रचना सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Mar 31
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Mar 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Mar 30
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service