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महगाई मारक यन्त्र

मेरे पास
एक महगाई यन्त्र है
यन्त्र क्या , मन्त्र है ॥

बहू-बेटियों से कहें
भारतीय संस्कृति को धयान में रखें
सोमबार /मंगलवार /रविबार को
उपवास करे
भगवन भी खुश
पति भी खुश
और होनेवाले समधी भी खुश
स्लिम बॉडी की बहू मिलेगी ॥

फिर ,
महंगाई, हमलोगों की क्या
हमलोग महगांई की कमर तोड़ देंगे ॥

कुछ दिनों तक ऐसा करेगें
हमलोग
सोमालिया देश के वासी जैसे दिखेगें
संयुक्त राष्ट्र का ध्यान टूटेगा
मुफ्त का गेहू -चावल आने लगेगा ॥

पुलिस मित्रों
आपके लिए सुनहला मौका
महगाई के मद्देनज़र
अपनी तोंद पचाकाइऐ
चोर , आप पर नहीं
आप चोर पर भारी पड़ेगें ॥

महल्ले की सैर किया
सब खुश ...
शिचक फ़ीस बढ़ा रहे है
होटल वाले समोसा का
बस वाले अपने भाडा का
दरजी ने सिलाई फ़ीस बढ़ा दी
नाई की फ़ीस भी बढ़ गयी ॥

आप क्यों नाराज है भाई ...
नाराज है
तो सिर्फ ब्रह्मण -देवता
उनकी फ़ीस कोई नहीं बढ़ाता ॥

इति श्री महगाई मन्त्र समाप्त ॥

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Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 10, 2010 at 10:38pm
Babban bhai kavita ki theme bahut achhi hai, par kuchh galtiya parilakshit ho rahi hai kripaya sudharna chaaheyngey,
मेरे पास
एक महगाई यन्त्र है
यन्त्र क्या , मन्त्र है ॥
eesmey mujhey lag raha hai mahngaai marak yantra hona chahiyey,

महल्ले की सैर किया
सब खुश ...
शिचक फ़ीस बढ़ा रहे है
होटल वाले समोसा का
बस वाले अपने भाडा का
दरजी ने सिलाई फ़ीस बढ़ा दी
नाई की फ़ीस भी बढ़ गयी ॥

esmey kuchh vartani sambandhit truti dikh rahi hai,

aur sab to mujhey thik hi lag rahi hai, haa babban bhaiya Brahman devta ka bhi ab fee badh gai hai,

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