For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बेवफ़ा सुन ले तुझे प्यार किया है मैंने

साहब ए इश्क़1 को अफ़गार2 किया है मैंने

बेवफ़ा सुन ले तुझे प्यार किया है मैंने

 

कोई सौदागर ए ग़म3 हो तो इसे ले जाये

दर्द ओ ग़म को सरे बाज़ार किया है मैंने

 

दिल की दहलीज़4 पे रख के तेरी यादों के चिराग

हर शब-ए-हिज़्र5 को गुलज़ार किया है मैंने

 

दर्द पिघले तो न बहने लगे आँखों से कहीं

दिल के ज़ख़्मों को ख़बरदार किया है मैंने

 

उसकी रुसवाई6 न हो बज़्म7 की ग़ैरत8 भी रहे

चश्म ए पुरनम9 से ही गुफ़्तार10 किया है मैंने

 

बोझ दिल पे लिए आया था वो मुझसे मिलने

ऐसे इक वस्ल11 से इंकार किया है मैंने

 

वो मेरा होगा तो आएगा लौट के, उसको

फैसले के लिए मुख़्तार12 किया है मैंने

 

टूटी कश्ती में मुहब्बत का सफ़र है 'सूरज'

चाहतों को तिरी पतवार किया है मैंने

 

डॉ सूर्या बाली 'सूरज'

(मौलिक व अप्रकाशित)

1. साहब ए इश्क़ = दिल 2.अफ़गार= घायल 3. सौदागर ए ग़म = दुख का व्यापारी 4.दहलीज़ = चौखट 5. शब-ए-हिज़्र=वियोग की रात 6. रुसवाई= बदनामी 7. बज़्म= महफिल 8. ग़ैरत =स्वाभिमान 9.आंसुओं से भीगी आँखें 10. गुफ़्तार= बातचीत 11. वस्ल= मिलन 12. मुख़्तार = स्वतंत्र, आज़ाद

 

Views: 527

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on June 27, 2016 at 11:39pm

महेंद्र जी, धर्मेंद्र जी, गिरिराज जी और आशुतोष जी आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया । आप सभी ममनून हूँ 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on June 27, 2016 at 10:23pm
शानदार गजल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय बालीजी साद

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 27, 2016 at 2:28pm

दिल की दहलीज़4 पे रख के तेरी यादों के चिराग

हर शब-ए-हिज़्र5 को गुलज़ार किया है मैंने

उसकी रुसवाई न हो बज़्म की ग़ैरत भी रहे

चश्म ए पुरनम से ही गुफ़्तार किया है मैंने  -- क्या बात है !

आदरणीय सूर्याबाली भाई , बहुत नाज़ुक खयाल के शेर हुये हैं , पूरी गज़ल लाजवाब है , आपको दिली मुबारकबाद इस ग़ज़ल के लिये

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on June 27, 2016 at 10:13am

अच्छी ग़ज़ल हुई है आदरणीय सूर्या जी, दाद कुबूल कीजिए

Comment by Mahendra Kumar on June 27, 2016 at 9:14am
टूटी कश्ती में मुहब्बत का सफ़र है 'सूरज'
चाहतों को तिरी पतवार किया है मैंने
...वाह! बहुत खूब आदरणीय सूरज जी!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
5 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब। इस उम्द: ग़ज़ल के लिए ढेरों शुभकामनाएँ।"
29 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। इस जहाँ में मिले हर…"
33 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, अभिवादन।  गजल का प्रयास हुआ है सुधार के बाद यह बेहतर हो जायेगी।हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत ही लाज़वाब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये है शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ ,गिरह भी…"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service