For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पुरानी तस्वीर ...

पुरानी तस्वीर ...

ये तुंद हवायें
रहम न खाएंगी
खिड़की के पटों पर
अपना ज़ोर अजमाएंगी
किसी के रोके से भला
ये कहां रुक पाएंगी
अाजकल की हवा
बेरोकटोक चलती है
इनको क्या गरज
इनकी बेफिक्री
किसी के
पांव उखाड़ सकती है
किसी खिड़की के
सामने की दीवार पर
सांस लेती नींव की
पुरानी तस्वीर
गिरा सकती है

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 513

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on June 24, 2016 at 2:42pm

आदरणीया प्रतिभा पांडेय जी रचना आपकी आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार।

Comment by Sushil Sarna on June 24, 2016 at 2:42pm

आदरणीया कांता रॉय जी प्रस्तुति में निहित भावों को मान देने का दिल से आभार।

Comment by pratibha pande on June 23, 2016 at 6:56pm

इनको क्या गरज 
इनकी बेफिक्री 
किसी के 
पांव उखाड़ सकती है 
किसी खिड़की के 
सामने की दीवार पर 
सांस लेती नींव की 
पुरानी तस्वीर 
गिरा सकती है....बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ,दिल को छू लेने वाली ,हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय सुशील सरना जी 

Comment by kanta roy on June 23, 2016 at 11:09am
अाजकल की हवा
बेरोकटोक चलती है
इनको क्या गरज
इनकी बेफिक्री
किसी के
पांव उखाड़ सकती है ----- अद्वितीय सम्प्रेषण है यह । बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय सुशील जी ॥
Comment by Sushil Sarna on June 22, 2016 at 1:25pm

अादरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी प्रस्तुति को अात्मीय मान देने का हार्दिक अाभार।

Comment by Sushil Sarna on June 22, 2016 at 1:25pm

अादरणीया राजेश कुमारी जी प्रस्तुति मे निहित भावों को स्वीकृति देती अपकी अात्मीय प्रशंसा का दिल से अाभार।

Comment by Sushil Sarna on June 22, 2016 at 1:22pm

अादरणीय  Shyam Narain Verma जी प्रस्तुति के भावों को मान देने का दिल से अाभार।

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on June 21, 2016 at 4:20pm
वाह जी वाह श्री मान बहुत ही सुन्दर रचना बधाई स्वीकार करें

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 21, 2016 at 3:52pm

वाह बहुत सुन्दर तुंद हवाओं को तो बहना उन्हें किसी की क्या फिक्र ---तुंद हवाओं का  बिम्ब लेकर आज की नव पीढ़ी अर्थात नव चलन को बहुत सुन्दर तरीके  से शब्दिक किया आपने आ० सुशील सरना जी हार्दिक बधाई 

Comment by Shyam Narain Verma on June 21, 2016 at 11:03am
बहुत सुन्दर ... सादर बधाई स्वीकारें आदरणीय

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
14 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
15 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
17 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
17 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
17 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
17 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
18 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service