For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

2222  2222  2222  2222

दिन रात भरी तनहाई में इक उम्र गुज़ारी भी तो है ।

पाकर तुमको एहसास हुआ इक चीज हमारी भी तो है ।

हम बैठ तसव्वुर में तेरे बस ख्वाब नहीं देखा करते,

तेरी सूरत इन आँखों से इस दिल में उतारी भी तो है ।

मसरूफ नहीं दिखता यूँ ही सच में मसरूफ ही रहता हूँ ,

कुछ दिलदारी की बातें हैं कुछ दुनियादारी भी तो है ।

दिन रात हमें तड़पाता है माना ये दर्द जुदाई का,

पर इसमें तेरी यादों की हर वक्त खुमारी भी तो है ।

मकबूल भले ही दुनिया में इक नाम हमारा है आशिक ,

पर लूट लिया दिल आशिक का कुछ बात तुम्हारी भी तो है ।

मौलिक व अप्रकाशित

    नीरज मिश्रा

Views: 849

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on June 22, 2016 at 9:56pm

हम बैठ तसव्वुर में तेरे बस ख्वाब नहीं देखा करते,

तेरी सूरत इन आँखों से इस दिल में उतारी भी तो है ।........वाह ! बहुत खूब.

खुबसूरत गजल हुई है आदरणीय नीरज मिश्रा जी. बहुत-बहुत बधाई.सादर.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 22, 2016 at 1:32pm

// आयेंगे न तो कहां जायेंगे यही  से सीखा  सब कुछ  //

यह ऐसी स्वीकारोक्ति है, जो किसी सदस्य को दायित्वबोध के प्रति भी सचेत कर देती है. आपका होना इस मंच के अन्यान्य सदस्यों के लिए आवश्यकता बने, नीरज भाई ..

Comment by Neeraj Nishchal on June 22, 2016 at 11:02am

बहुत बहुत हार्दिक शुक्रिया आदरणीय राजेश कुमारी जी

Comment by Neeraj Nishchal on June 22, 2016 at 11:01am

बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद आदरणीय भण्डारी सर

Comment by Neeraj Nishchal on June 22, 2016 at 10:58am

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय नीलेश भाई

Comment by Neeraj Nishchal on June 22, 2016 at 10:55am

बहुत बहुत हार्दिक शुक्रिया आदरणीय सौरभ पाण्डेय सर
आयेंगे न तो कहां जायेंगे यही  से सीखा  सब कुछ
हम जैसे छोटे छोटे जुगनुओं  आप जैसे सूरजों की आभा
में फलने फूलने का अवसर यही  पर सुगमता से  प्राप्त होता  है
आपकी प्रतिक्रिया के लिए कोटि कोटि आभार |

Comment by Neeraj Nishchal on June 22, 2016 at 10:44am

बहुत बहुत हार्दिक आभार श्याम नारायण वर्मा जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 21, 2016 at 10:28am

बहुत  सुन्दर ग़ज़ल  वाह्ह्ह  दिल से बहुत बहुत दाद स्वीकार करें नीरज जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 21, 2016 at 10:15am

आदरणीय नीरज भाई , बहुत खूबसूरत गज़ल कही है , हार्दिक बधाइयाँ आपको

Comment by Nilesh Shevgaonkar on June 20, 2016 at 10:09pm

वाह ..बहुत खूब 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service