For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

""सफलता का दर्पण""

करो जीवन मे जो प्रण,
पुरा करने को उसे,
कर दो तन-मन सब कुछ अर्पण।


राह मे आए चाहे कितनी भी कठिनाइयां,
चाहे हँसती रहे तुमपर सारी दुनिया,
अगर पक्का है तुम्हारा इरादा,
तोड़ सकते हो तुम हर बाधा,
सदा रखो स्वयं पर नियंञण,
अस्वीकार कर दो लोभ का हर निमंञण,
ज्यों-ज्यों लक्ष्य के प्रति बढेगा आर्कषण,
चिड़िया की तरह तिनका तिनका उठाना होगा,
तुम्हे रात-दिन अपना पसीना बहाना होगा,

हिम्मत मेहनत और लगन से
पुर्ण किया जो तुमने प्रण
सारा जहां बना लेगा , तुम्हारे राहो को
""सफलता का दर्पण""

Views: 557

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by BIJAY PATHAK on June 22, 2010 at 4:25pm
Raju,
Bahut hi ucha darza ke kavita likhle bani , Badhai.
asahi likhat rahi
Comment by Babita Gupta on June 20, 2010 at 2:52pm
Aap badhiya likhtey ho raju jee, yey kavita bhi achhi hai, Good,

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on June 20, 2010 at 11:30am
हिम्मत मेहनत और लगन से
पुर्ण किया जो तुमने प्रण
सारा जहां बना लेगा ,
तुम्हारे राहो को "सफलता का दर्पण"

राजू भाई, बहुत खूब, अच्छी रचना लेकर आये है, अगर आप की कविता से सिख ली जाय तो कोई मंज़िल दूर नही है, जबरदस्त अभिव्यक्ति, धन्यवाद,

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on June 19, 2010 at 2:55pm
राजू भाई, बहुत अच्छा सन्देश देती है आपकी कविता ! अपने बिलकुल सही कहा है :
//चिड़िया की तरह तिनका तिनका उठाना होगा,
तुम्हे रात-दिन अपना पसीना बहाना होगा,//
Comment by Admin on June 19, 2010 at 1:41pm
राजू जी , आज आपने सफलता का राज ओपन बुक्स ऑनलाइन पर आखिर ओपन कर ही दिया , बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति है, वास्तव मे आपकी कविता मे सफलता का दर्पण दिख रहा है, अच्छा प्रयास और अगले रचना का इन्तजार है,धन्यवाद,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
2 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service