For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खट्टी डकारें(लघुकथा )राहिला

13-14 साल के कबाड़ी को कबाड़ तुलवा रहे सेठजी!लम्बी-लम्बी डकारों से परेशान हो रहे थे । जब कुछ ना सूझा तो पास ही खड़ी सेठानी पर झुंझला पड़े । "लगता है आजकल तरकारी में खुले हाथ से तेल मसाला उड़ेल रही हो!मार डाला इन खट्टी डकारों ने "
"अरे कैसी बात करते हैं सेठजी! तेल मसाले खाने से थोड़े ना खट्टी डकारें आती हैं!हम तो रोज ढ़ाबे पर ग्राहकों की बची तेल मसाले वाली तरकारी खाते हैं जुगाड़ से ।
चेहरे से चंचल बातूना लड़का!चहक के बोला ।
"अच्छा..!तो तू बहुत बड़ा जानकार है।तुझे बहुत पता है।"वह उलाहना भरे स्वर में बोले।
उनके बोलने के अंदाज को नजरअंदाज करके वो फिर अपनी धुन में बोला-
"हां सेठजी!मुझे पता है,खट्टी डकारें तेल मसाले से नहीं ढ़ूस-ढ़ूस के खाने से आती है।"

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 506

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rahila on March 7, 2016 at 1:48pm
बहुत शुक्रिया आदरणीय खान साहब! आपकी हौसला अफज़ाई सर आंखो पर । सादर
Comment by Rahila on March 7, 2016 at 1:47pm
बहुत धन्यवाद आदरणीय सतविन्दर सर जी! आपकी स्नेहिल टिप्पणी ने मेरा उत्साह ही दुगना कर दिया । सादर नमन
Comment by Rahila on March 7, 2016 at 1:45pm
बहुत शुक्रिया आदरणीय समर सर जी! आपकी उपस्थित ही मुझे हौसले से भर देती है । सादर प्रणाम
Comment by Rahila on March 7, 2016 at 1:43pm
बहुत शुक्रिया तारीफ़ के लिये आदरणीय विजय सर जी !सादर नमन
Comment by Rahila on March 7, 2016 at 1:42pm
बहुत आभार आदरणीय तेजवीर सर जी! सादर नमन
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on March 6, 2016 at 8:54pm

मोहतरमा राहिला साहिबा ,   बहुत ही अच्छी लघु कथा हो गयी है ,.... मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on March 6, 2016 at 3:46pm
वाह्ह्ह्ह्!मासूम मगर उम्दा तंज!हार्दिक बधाई आदरणीया राहिला जी।
Comment by Samar kabeer on March 6, 2016 at 2:55pm
मोहतरमा राहिला जी आदाब,इस सुंदर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Dr. Vijai Shanker on March 6, 2016 at 11:09am
आदरणीय सुश्री राहिला जी , वाह , सुन्दर प्रस्तुति, बधाई, सादर।
Comment by TEJ VEER SINGH on March 6, 2016 at 10:04am

हार्दिक बधाई आदरणीय राहिला जी!बहुत सुंदर और शिक्षा प्रद प्रस्तुति!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई चेतन जी , सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "टपकती छत हमें तो याद आयी"…"
50 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उदाहरण ग़ज़ल के मतले को देखें मुझे इन छतरियों से याद आयातुम्हें कुछ बारिशों से याद आया। स्पष्ट दिख…"
52 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
56 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"सहमत"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। गुणीजनो के सुझावों से यह और निखर गयी है। हार्दिक…"
1 hour ago
Gurpreet Singh jammu replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"मुशायरे की अच्छी शुरुआत करने के लिए बहुत बधाई आदरणीय जयहिंद रामपुरी जी। बदलना ज़िन्दगी की है…"
8 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी, पोस्ट पर आने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आयासफर कब मंजिलों से याद आया।१।*हमें …"
12 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय नीलेश जी सादर अभिवादन आपका बहुत शुक्रिया आपने वक़्त निकाला मतला   उड़ने की ख़्वाहिशों…"
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया अभी ज़िंदा हैं मेरी हसरतें भी तुम्हारी…"
14 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,,, मुझे तो स्कॉच और भजिये याद आए... बाकी सब मिथ्याचार है. 😁😁😁😁😁"
16 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया  टपकने जा रही है छत वो…"
16 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service