For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सीमा उल्लंघन (लघुकथा)

"दुश्मन के सैनिक जैसे ही आने वाले होंगे, मैं उस झाड़ी में पत्थर फैंक कर इशारा करूंगा, तीन मिनट में टुकड़ी नंबर एक तैनात हो जायेगी और उनके सामने आते ही गोलीबारी शुरू कर देनी है| किसी को कोई शक?" सरहद पर लेफ्टिनेंट साहब ने आदेश दिया|

 

"उनके इरादों की भनक पहले ही लग जाने से हमने सैनिकों की इतनी भर्ती कर दी है कि इस सख्त दीवार को तोड़कर दुश्मन हमारे मुल्क का एक पत्ता भी नहीं ले जा सकता है|" कुछ क्षणों बाद सेकंड-लेफ्टिनेंट ने अपने सैनिकों में उत्साह भरते हुए कहा|

 

"लेकिन हुजूर, हर बार तो हमला हमारी तरफ से ही हुआ है, अगर दुश्मन ने पहले हमला नहीं किया तो? " एक नये भर्ती हुए सैनिक ने पूछा|

 

"हमारी खबर गलत नहीं हो सकती|"

 

"हमने इंसानों की दीवार तो बना दी है, लेकिन हुजूर, सूरज की रौशनी हमारे ही मुल्क से उनके मुल्क तक पहुँच जाती है, उसे तो कोई रोक नहीं पाया, कितनी बार हमारे मुल्क की हवा वहां बहती हुई चली जाती है और दुश्मनों को जिंदा रखती है और वो देखो उनके मुल्क की तितली हमारे यहाँ के फूलों का रस पीने आ गयी..."

 

"ऐ.... हमें सिखा रहा है, क्या ज़्यादा पढ़ा-लिखा है तू, कितना पढ़ा है बता?" लेफ्टिनेंट चिल्लाया

 

"ढाई हर्फ़ पढ़ा हूँ हुजूर, कबीर का... दुश्मन के मुल्क से छीन कर लाया हूँ यह बात"

 

लेफ्टिनेंट ने उसकी तरफ तल्ख़ नजरों से देखते हुए एक पत्थर उठा कर झाड़ियों में फैंक दिया|

(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 384

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on January 25, 2016 at 11:41pm

हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी सर, आदरणीय समीर कबीर जी साहब, आदरणीय सतविंदर कुमार जी आपको लघुकथा का यह प्रयास ठीक लगा और अपनी टिप्पणी द्वारा आपने मेरा उत्साहवर्धन किया| पुनः सादर आभार आप सभी का|

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on January 22, 2016 at 5:39pm
वाह!बेहतरीन भाव लिए उम्दा कथा के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय चन्द्रेश जी।
Comment by Samar kabeer on January 21, 2016 at 3:14pm
जनाब चन्द्रेश जी आदाब,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें |
Comment by TEJ VEER SINGH on January 21, 2016 at 3:00pm

हार्दिक बधाई आदरणीय चंद्रेश जी!शानदार प्रस्तुति!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Mar 31
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Mar 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Mar 30
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service