For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रतिशोध - ( लघुकथा ) –

प्रतिशोध -  ( लघुकथा  ) –

 "प्रधान जी, यह क्या देख रहा हूं!आज तो आप पंडित होकर भी ,अपने जानी दुश्मन,  हरिज़न विधायक गंगा राम  के बेटे को शराब और क़बाब की दावत  दे रहे थे और बराबर में साथ बैठा कर तीन पत्ती भी खिला रहे थे"!

"बाबूलाल, यह राजनीति है,तुम्हारी समझ में नहीं आयेगी"!

"कोई काम करवाना है क्या विधायक जी से"!

"मैं उस कुत्ते  की शक्ल भी देखना पसंद नहीं करता, उसकी वज़ह से तो मेरी विधायकी की सीट छिन गयी"!

"तो फ़िर इस दावत का क्या राज़ है"!

"इस राज़ को अपने तक ही रखो तो बता सकता हूं"!

"कैसी बात कर रहे हो प्रधान जी,आपको मुझ पर भरोसा नहीं,मैं तो आपका खास आदमी हूं"!

"तो सुन,किसी से दुश्मनी निकालनी हो तो उसकी औलाद को शराबी ,क़बाबी और ज़ुआरी बना दो"!

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 670

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on January 21, 2016 at 9:18pm

 हार्दिक आभार आदरणीय नीता कसार जी!

Comment by TEJ VEER SINGH on January 21, 2016 at 9:18pm

 हार्दिक आभार आदरणीय गिरिराज भंडारी जी!

Comment by Nita Kasar on January 21, 2016 at 8:55pm
प्रतिशोध का एक रूप एेसा भी दुश्मन की कमज़ोर नस पर वार करना गाँव में दुश्मनी निकालने का यही तरीका होता है सारगर्भित कथा के लिये बधाई आद०तेजवीर सिंह जी ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 21, 2016 at 7:44pm

क्या बात है , आदरनीय तेज़ वीर भाई , बहुत सही बात कही आपने ! आपको हार्दिक बधाइयाँ कथा के लिये ।

Comment by TEJ VEER SINGH on January 21, 2016 at 2:11pm

हार्दिक आभार आदरणीय रवि प्रभाकर जी!एक अंतराल के बाद मेरी लघुकथा पर आपकी टिप्पणी मन को रोमांचित कर रही है!कृपा बनाये रखिये!पुनः आभार!

Comment by TEJ VEER SINGH on January 21, 2016 at 2:08pm

हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी!लघुकथा पर आपकी उपस्थिति बडी सुखद अनुभूति है!पुनः आभार!

Comment by Ravi Prabhakar on January 20, 2016 at 11:33pm

विकृत व दोगली मानसिकता पर गंभीर चोट करने में सफल रही आपकी प्रस्‍तुत लघुकथा। बधाई स्‍वीकार करें आदरणीय तेजवीर सर ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 20, 2016 at 9:02pm

आदरणीय तेजवीर जी, प्रतिशोध शीर्षक को सार्थक करती शानदार लघुकथा है. हार्दिक बधाई 

Comment by TEJ VEER SINGH on January 20, 2016 at 10:54am

हार्दिक आभार आदरणीय प्रतिभा पांडे जी!

Comment by pratibha pande on January 19, 2016 at 10:23pm

प्रतिशोध का ये तरीका जबर्दस्त है, बहुत अच्छी रचना बधाई स्वीकार करें आदरणीय तेजवीर जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी, ऐसा करना मुनासिब होगा। "
11 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें"
14 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ इस्लाह भी ख़ूब हुई आ अमित जी की"
16 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ रिचा अच्छी ग़ज़ल हुई है इस्लाह के साथ अच्छा सुधार किया आपने"
18 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु हार्दिक बधाई आपको ।"
27 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Sanjay Shukla जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
43 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Euphonic Amit जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
44 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Dinesh Kumar जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई है। "
45 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Richa यादव जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई। इस्लाह से बेहतर हो जाएगी ग़ज़ल। "
50 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' ji, अच्छा प्रयास हुआ ग़ज़ल का। बधाई आपको। "
54 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Chetan Prakash ji, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। सुझावों से निखार जाएगी ग़ज़ल। बधाई। "
59 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, ख़ूब ग़ज़ल रही, बधाई आपको। "
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service