For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नस्री नज़्म :- "आख़री सिगरेट"

ज़िन्दगी को,
अपनी सानवी हैसियत
का अहसास,
शिद्दत से हो रहा है,
लाओ,
ये बची हुई ,
आख़री सिगरेट भी जला लूँ,
ताकि क़िस्सा ख़त्म हो ।

समर कबीर
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 486

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on December 16, 2015 at 10:15pm
जनाब विजय निकोरे जी,आदाब,रचना की सराहना हेतु आपका तहे दिल से आभारी हूँ,बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by vijay nikore on December 16, 2015 at 2:52pm

छणिका अच्छी लगी। बधाई, आदरणीय समर जी।

Comment by Samar kabeer on December 11, 2015 at 10:45pm
जनाब सौरभ पांडे जी,आदाब,क्षणिका के बारे में मेरी मालूमात सिफ़र है,आपकी तहरीर से ऐसा लगता है कि संक्षिप्त रचना को क्षणिका कहते होंगे ?कृपया क्षणिका के बारे में मुझे जानकारी ज़रूर दें,रचना की सराहना हेतु आपका हृदयतल से आभारी हूँ ।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 10, 2015 at 1:32am

इस तरह की प्रस्तुतियों को हिन्दी-साहित्य में ’क्षणिका’ की संज्ञा देने का चलन है.

आपकी प्रस्तुति अत्यंत गहन है. हार्दिकबधाई एवं शुभकामनाएँ, आदरणीय समर कबीर साहब ! 

शुभेच्छाएँ 

Comment by Samar kabeer on December 9, 2015 at 11:32pm
जनाब सुशील सरना जी,आदाब,रचना की सराहना हेतु आपका तहे दिल से आभारी हूँ ।
Comment by Samar kabeer on December 9, 2015 at 11:29pm
जनाब लक्ष्मण धामी जी,आदाब,रचना की सराहना हेतु आपका तहे दिल से आभारी हूँ ।
Comment by Sushil Sarna on December 8, 2015 at 1:01pm

 बहुत खूब आदरणीय   ... गहन भावाभिव्यक्ति के लिए हार्दिक बधाई। 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 8, 2015 at 11:09am

बहुत खूब समर भाई जी.....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"    शिकस्त-ए-नारवा     ------------------ रिवाज के विरुद्ध काम, शायरी का एक ऐब…"
9 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय Dayaram Methani जी आदाब ग़ज़ल के प्रयास पर बधाई स्वीकार करें  ग़ज़ल — 212 1222…"
12 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, उम्दा ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।"
52 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
59 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जनाब आज़ी तमाम साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। भाई-चारा का…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी, ऐसा करना मुनासिब होगा। "
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ इस्लाह भी ख़ूब हुई आ अमित जी की"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ रिचा अच्छी ग़ज़ल हुई है इस्लाह के साथ अच्छा सुधार किया आपने"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु हार्दिक बधाई आपको ।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Sanjay Shukla जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service