For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

काहें खद्दर में? पंकज

खोज रहे हो सूत्र एकता, के तुम काहें खद्दर में।
नैतिकता का बलात्कार, होता है पार्टी दफ्तर में।।

अपनी टाँगें मोड़-माड़कर, खूब बचाकर पड़े रहो।
सोच रहे हो घर बस जाये, तम्बू वाले चद्दर में।।

संसाधन पर हक़ तब भी और, अब भी उन लोगों का है।
जो भी रहता है सत्ता के, इर्द-गिर्द के संस्तर में।।

नींद भला आती ही कैसे, उसकी बेबस आँखों में।
यादों के बादल बरसे वो, जगता रह गया बिस्तर में।।

दिल की धड़कन चलती रहती, ऐसे टूट नहीं जाती।
सच कहता हूँ धार बहुत थी, शब्दों वाले नश्तर में।।

Views: 663

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 16, 2015 at 3:45pm
आदरणीय गिरीराज सर सादर प्रणाम्

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 16, 2015 at 3:22pm
आदरणीय पंकज भाई , अच्छी गज़ल कही है , दिली बधाइयाँ आपको गज़ल के लिये ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 16, 2015 at 3:22pm
आदरणीय पंकज भाई , अच्छी गज़ल कही है , दिली बधाइयाँ आपको गज़ल के लिये ।
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 13, 2015 at 3:53pm
आदरणीय मिंटू जी सादर आभार।
Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on November 13, 2015 at 1:44pm

आदरणीय पंकज कुमार जी ........बहुत खूब. बधाई |

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 13, 2015 at 8:22am
आदरणीय राहिला जी सादर अभिवादन
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 13, 2015 at 8:22am
आदरणीय सौरभ सर सादर प्रणाम्
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 13, 2015 at 8:21am
आदरणीय मिथिलेश सादर आभार।
Comment by Rahila on November 13, 2015 at 1:09am
बहुत खूब लिखा आदरणीय पंकज कुमार जी । बहुत बधाई आपको ।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 12, 2015 at 11:42pm

ग़ज़लप्रस्तुति केलिए हार्दिक बधाई आदरणीय पंकजजी. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
12 hours ago
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Jul 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service