For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नन्हें दिल की जीत (लघु कथा)

“बेटे सुजित, कहाँ हो” शर्मा जी अपनी चाबी से मुख्य दरबाजा खोलते ही अंदर अँधेरा देख बोले Iआबाज लगाते लगाते ही घर की बत्तियाँ जलाने लगे Iज्यों ही बेटे वाले कमरे की बत्ती का बटन दबाया, कक्षा दो  में पढ़ने बाले बेटे को मोबाइल पर अपने नन्हें दोस्तों से व्हाट्स एप पर चैटिंग करते देख डांटते  हुए बोले, “हर समय बस चैटिंग-चैटिंग, कुच्छ होम वर्क कर लेते I उठो, जाओ अपना होम वर्क करो I”

     “आइ एम सॉरी पापा --” रुआंसा हुआ सुजित बोला, “ पर पापा --आप सुवह मेरे स्कूल जाने से पहले आफिस निकल जाते हो और फिर शाम को कभी पार्टी में कभी क्लब में चले जाते हो--रात को प्रायः मेरे सोने के बाद ही आते हो---और मम्मी, मम्मी  भी तो किटि पार्टियों में ही व्यस्त रहती हैं I मैं घर में किस से बात करूं – किस से खेलूं-- कोई और भाई वहन भी तो नहीं I” उसकी आँखों से अश्रु धारा फूट पड़ी I “आज आप अँधेरा होते ही आ गये-- पापा-- मुझे और डांटो—मुझ से बात करो -–मुझे गले लगा कर प्यार करो -– मेरे सामने बैठ कर मुझ से होम वर्क करवाओ पापा -- मुझे घर में अकेले अच्छा नहीं लगता I” सुजित सुबकते सुबकते पापा की ऊँगली पकड़ मानो गिड़गिड़ा रहा थाI

शर्मा जी का सर घूम रहा था I वह बेटे का सहारा ले कर सोफे पर बैठ गया  और भींच कर उसे अपनी छाती से लगा लिया I ”मुझे माफ़ कर दो मेरे बेटे--आज से तुम्हारे पापा तुम्हारी दुनियां में लौट आए हैं I”  धीमी आबाज में शर्मा जी ने कहा I दोनों वाप बेटा रो रहे थे I दरबाजा लांघते ही शर्मा जी की पत्नी के ममत्व पर भी सुबकते बेटे की बातें हथोड़े की तरह चोट कर रहीं थीं I दोनों से लिपट कर उसके आंसू भी  आज झर झर बह रहे थे I

.

मौलिक और अप्रकाशित


 

Views: 599

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कंवर करतार on October 12, 2015 at 10:13pm

श्याम वर्मा जी ,बहुत बहुत शुक्रिया I

Comment by कंवर करतार on October 12, 2015 at 10:12pm

उस्मानी भाई .लघु कथा आपको अच्छी लगी आभारी हूँ I

Comment by Shyam Narain Verma on October 12, 2015 at 6:35pm
इस सुंदर प्रस्तुति के लिए तहे दिल बधाई सादर
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 12, 2015 at 10:31am
बहुत समसामयिक सार्थक भाव पूर्ण रचना आदरणीय डॉ. कंवर जी। भारत में माता-पिता, बुज़ुर्गों द्वारा उपेक्षित बच्चे भयंकर मानसिक आघात झेल रहे हैं, ऊपर से पढ़ाई बोझ रूप में कर रहे हैं, एक पूरी पीढ़ी ख़राब हो रही है, सभी को जागना ही होगा। सुंदर असरदार कथा हेतु बहुत बहुत हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।
Comment by कंवर करतार on October 10, 2015 at 9:51pm

सतविन्द्र जी बहुत बहुत धन्यावाद I

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on October 10, 2015 at 10:30am
उत्तम रचना

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आद0 सुरेश कल्याण जी सादर अभिवादन। बढ़िया भावभियक्ति हुई है। वाकई में समय बदल रहा है, लेकिन बदलना तो…"
5 hours ago
नाथ सोनांचली commented on आशीष यादव's blog post जाने तुमको क्या क्या कहता
"आद0 आशीष यादव जी सादर अभिवादन। बढ़िया श्रृंगार की रचना हुई है"
5 hours ago
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढ़िया है"
5 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मकर संक्रांति

मकर संक्रांति -----------------प्रकृति में परिवर्तन की शुरुआतसूरज का दक्षिण से उत्तरायण गमनहोता…See More
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

नए साल में - गजल -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

पूछ सुख का पता फिर नए साल में एक निर्धन  चला  फिर नए साल में।१। * फिर वही रोग  संकट  वही दुश्मनी…See More
6 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी , सहमत - मौन मधुर झंकार  "
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"इस प्रस्तुति पर  हार्दिक बधाई, आदरणीय सुशील  भाईजी|"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"विषय पर सार्थक दोहावली, हार्दिक बधाई, आदरणीय लक्ष्मण भाईजी|"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service