For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चुनौती /लघुकथा /कान्ता राॅय

आज कोचिंग से निकलने में देर हो गई थी , इसलिए घर जल्दी पहुँचने के लिए उसने मेन रोड छोड़ इसी गली से निकलने का फैसला किया था । हालांकि रात में इस गली से निकलने के लिए मम्मी ने मना किया था लेकिन आज बडी़ ही मजबूरी हो चली थी । कलाई पर बंधी घड़ी की सुई पर नजर पडते ही वो सहम उठी । गली सुनसान -सन्नाटा हुआ जा रहा था । करीब दस फर्लांग ही आगे बढीं होगी कि पीछे से आहट आई । उसे भान हुआ कि कोई पीछे आ रहा है । पलट कर देखा । दो लडके थे । स्थिति को भाँप वो लम्बी - लम्बी डग भरने लगी । पीछे से पदचाप की आवाजें भी तेज हो गई थी । आहटें अब लगभग करीब ही थी । अब मन को सचेत कर एक हाथ बैग के अंदर और दूसरे हाथ को मुट्ठी के शक्ल में मजबूती से कसते हुए , अपने पैरों में पूरी ताकत बटोर जबड़ों को भींच अब जरा और सावधान हो चली । जैसे ही वे सामने आये कि अचानक मुड़ कर दाहिने हाथ से कराटे का एक चाप दे , तुरंत पलट दूजे हाथ से मिर्ची स्प्रे दूसरे के आँखों में और एकदम से बडी़ तेजी से पलट अपने पैरों से पूरी ताकत लगा पहले वाले के नाजुक अंगों पर बडे दम लगा कर चोट की और जोर से भागी ।

वे दोनों अचानक से हुए इस प्रहार के लिए तैयार नहीं थे सो जमीन पर धडाम से औंधे गिरकर दर्द से बिलबिला उठे ।
"आह ...ऊँह.......साले ... कहा था ना कि जींस वाली लडकियों से मत उलझ , वो तेज होती है ! "

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 661

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by kanta roy on August 27, 2015 at 10:41pm

आभार आपको आदरणीय बबिता चौबे जी कथा पसंदगी के लिए।  

Comment by kanta roy on August 27, 2015 at 10:39pm

कथा पर मेरा हौसला अफ़ज़ाई करने के लिये तहे दिल से आभार आपको आदरणीय राजेश कुमारी जी। 

Comment by kanta roy on August 27, 2015 at 10:36pm

आभार आपको आदरणीय गिरिराज भंडारी जी कथा पसंदगी के लिये।  आज के दौर में विपरीत परिस्थितियों में अपना मनोबल बनाये रखने की शिक्षा देने की बेहद जरुरत है। नमन   

Comment by babita choubey shakti on August 27, 2015 at 4:51pm
बहुत ही सुंदर कथा संदेश युक्त रचना बधाई आ कांता जी

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 27, 2015 at 11:17am

आज के वक़्त में यही होंसला चाहिए लडकियों को जोश से भरती ये लघु कथा बहुतों के लिए प्रेरणादाई होगी आ० कांता जी दिल से बधाई लीजिये |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 27, 2015 at 10:09am

आदरणीया कांता जी , आ रहा है ऐसा ही समय अब , आभी चाहिये ! बहुत अच्छी लगी आपकी कथा ! हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by kanta roy on August 26, 2015 at 2:00pm
आभार आपको आदरणीया महिमा जी लघुकथा पसंदगी के लिये ।
Comment by kanta roy on August 26, 2015 at 2:00pm
तहेदिल से आभार आपको आदरणीय सुशील सरना जी , लघुकथा के मर्म को समझने के लिये ।
Comment by kanta roy on August 26, 2015 at 1:58pm
" एक्शन पैक्ड लघुकथा ".... हा हा हा हा ... ये भी खूब रही । सादर नमन आपको , लघुकथा के लिये इतनी सुंदर प्रतिक्रिया देकर मेरा हौसला बढाने हेतु आदरणीया प्रतिभा जी ।
Comment by kanta roy on August 26, 2015 at 1:55pm
आपको लघुकथा पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी । पूर्व नियोजित किसी भी सावधानी से इतर विपरीत परिस्थितियाँ आ जाती है कई बार ,जहाँ आपके समस्त प्लाॅन फेल हो जाते है । ऐसे में सिर्फ हमारा मनोबल ही सहायक होता है विपरीत परिस्थितियों से लडने के लिए । हमें बचपन से ही हमारे बच्चों के पुर्ण विकास के लिये खुले मन से परवरिश करना चाहिए । लडकियों की परवरिश में देखा गया है कि अनजाने में ही हम लड़ाई के बनिस्बत डरना सीखा जाते है रोक - टोक करने के दरमियान ,जो की उसके मनोबल को कमजोर कर जाती है । हमें हमारे बच्चों को डरना नहीं लडना सिखाने की जरूरत है । सादर नमन ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, बेह्तरीन ग़ज़ल से आग़ाज़ किया है, सादर बधाई आपको आखिरी शे'र में…"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी बहुत धन्यवाद"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी, आपकी बहुमूल्य राय का स्वागत है। 5 में प्रकाश की नहीं बल्कि उष्मा की बात है। दोनों…"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी। आप की मूल्यवान राय का स्वागत है।  2 मय और निश्तर पीड़ित हृदय के पुराने उपचार…"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र कुमार जी नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी ।सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए। अच्छी ग़ज़ल हेतु आपको हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए।  ग़ज़ल हेतु बधाई। कंटकों को छूने का.... यह…"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा यादव जी ।सादर नमस्कार।ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।गुणीजनों के इस्लाह से और निखर गई है।"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय euphonic amit जी आपको सादर प्रणाम। बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय त्रुटियों को इंगित करने व…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका इतनी बारीक़ी से हर बात बताने समझाने कनलिये सुधार का प्रयास…"
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय, अमित जी, आदाब आपने ग़ज़ल तक आकर जो प्रोत्साहन दिया, इसके लिए आपका आभारी हूँ ।// आज़माता…"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA आदाब ग़ज़ल के उम्द: प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। मुश्किलों की आँधी…"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service