“आप सरकारी नौकरी के साथ समाज सेवा कैसे कर लेते है?”
“जब नौकरी से फ्री होता हूँ तो खाली समय का उपयोग कर लेता हूँ.”
“आपको झुग्गी-बस्ती में शिक्षा के प्रसार की प्रेरणा कहाँ से मिली?”
“हा हा हा... प्रेरणा व्रेरणा कुछ नहीं भाई.... स्लम एरिया के पास वाले सिग्नल पर बच्चों को सामान बेचते और भीख मांगते देखा, तो स्लम में चला गया... लोगों से बात की तो लगा कुछ करना होगा और असली काम तो वालेंटियर ही कर रहे है.”
“आपको सब पर्यावरण-मित्र कहते है क्योकिं आप इतने बड़े ओहदे पर है फिर भी पैदल ऑफिस जाते है. क्या ये सही है?”
“हा हा हा .... पर्यावरण मित्र तो हूँ लेकिन... भई मेरा घर ऑफिस के पास ही है इसलिए पैदल ही चल देता हूँ.”
“सभी जानना चाहते है कि आपके इस असाधारण व्यक्तित्व का क्या राज़ है?”
“भाई... बहुत ही साधारण आदमी हूँ ..... पता नहीं आपको क्या असाधारण लगा?.....”
इसके बाद वह एक भी प्रश्न नहीं कर सका.
-----------------------------------------------------------
(मौलिक व अप्रकाशित) © मिथिलेश वामनकर
------------------------------------------------------------
Comment
इस दुनियाँ में सबसे कठिन है साधारण होना , ये शायद सबसे असाधारण बात है | बहुत अच्छी लघुकथा आदरणीय मिथिलेशजी , बधाई.
वाह आदरणीय मिथिलेश जी वाह एक प्रेरणास्पद वाक्ये को कितनी सुंदरता से आपने अपनी लघुकथा में प्रदर्शित किया है। पंच लाईन इस कथा को असाधारण बना गयी। हार्दिक हार्दिक बधाई सर जी।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2025 Created by Admin.
Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online