For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जिये जा जिये जा (एक बहुत छोटी बह्र पर ग़ज़ल 'राज')

१२२ १२२

भलाई किये जा

बुराई लिये  जा

 

उन्हें बाँट अमृत

जहर खुद पिये जा

 

तेरे पास जो है

दिये जा दिये जा

 

उन्हें तू उठा दे 

मगर खुद निये जा  

 

जवानी लुटा दे

बुढ़ापा सिये जा

 

जमाना ख़रा है

भरोसा किये जा

 

यही जिन्दगी है

जिये जा जिये जा

-------(मौलिक एवं अप्रकाशित )

Views: 793

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 13, 2015 at 9:03pm

कृष्ण मिश्रा जी,इस होंसलाफ्जाई का तहे दिल से शुक्रिया|  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 13, 2015 at 9:02pm

आ० उमेश कटारा जी ,तहे दिल से आपका शुक्रिया |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 13, 2015 at 9:01pm

आ० सौरभ जी,अर्थ समझने की कोशिश कर रही हूँ ..कहीं अर्थ का अनर्थ न  निकाल लूं  इस लिए  बता दीजिये  आपने क्या लिखा है :-))))

खैर अर्थ तो पता चल ही जाएगा तब तक के लिए हार्दिक आभार |

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on April 13, 2015 at 8:53pm

छोटी बहर में गज़ल कहना सच में आसान बात नही!सुन्दर गजल पर हार्दिक बधाई आदरणीया!

Comment by umesh katara on April 13, 2015 at 7:23pm

वाह वाह अच्छी गजल के लिये बधाई 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 13, 2015 at 1:19pm

आप्नी आमार ऐक्टु गोप्प ’निये’ जाउ, आदरणीया, जे एइ खाने प्रोजुक्तो ’निये’ टा खूब भालो शब्दो होबे ना..

:-))


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 12, 2015 at 9:41pm

जितेन्द्र भैया ,आपको ये ग़ज़ल पसंद आई दिल से आभार आपका |

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 12, 2015 at 9:12pm

यही जिन्दगी है

जिये जा जिये जा.....बहुत अच्छी लगी , आपकी गजल. दीदी . बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 12, 2015 at 8:05pm

आ० श्री सुनील जी,आपका तहे दिल से शुक्रिया | 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 12, 2015 at 8:04pm

आ० डॉ० विजय शंकर जी ,इस होंसलाफ्जाई का तहे दिल से शुक्रिया|  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, ग़ज़ल को समय देने एवं उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए आपका हार्दिक आभार"
1 minute ago
Sushil Sarna posted blog posts
31 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा

आँखों की बीनाई जैसा वो चेहरा पुरवाई जैसा. . तेरा होना क्यूँ लगता है गर्मी में अमराई जैसा. . तेरे…See More
37 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
16 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
17 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
17 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
17 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
19 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
23 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service