For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रंगों के पर्व होली पर

रंगों के पर्व होली पर सभी मित्रों को हार्दिक शुभकामनायें -जगदीश पंकज
उड़ने लगा गुलाल,
अबीर हवाओं में
रंगों का त्यौहार
रंगीली होली है
मस्त हवा के
झोंकों ने अंगड़ाई ले
अंगों पर कैसी
मदिरा बरसाई है
मौसम की रंगीन
फुहारों से खिलकर
बजी बावरे मन में
अब शहनाई है
लगा नाचने रोम-रोम
तरुणाई का
मौसम ने मस्ती की
गठरी खोली है
रंगों की बौछारों ने
संकेत किया
रिश्तों की अनुकूल
चुहल अंगनाई में
जीजा-साली ,कहीं
ननद-ननदोई की
रंग-रंगोली है
देवर भौजाई में
बंधन तोड़ उमर के
बौराये तन-मन
तिरछी नज़र अचूक
फागुनी गोली है
पिचकारी से बरसी
रंग फुहारों ने
तन ही क्या मन को
भीतर तक भिगो दिया
रंगों ने अंगों को
ऐसे मदमाया
बांहों में भर जाने का
संकेत किया
आज मुक्त हो
नाचें गायें मस्ती में
अपनों की अपनों से
मस्त ठिठोली है
(मौलिक और अप्रकाशित ).
-जगदीश पंकज

Views: 465

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by JAGDISH PRASAD JEND PANKAJ on March 9, 2015 at 12:12am

सभी मित्रों का रचना पसंद करने और टिप्पणी के लिए हृदयतल से आभार -जगदीश पंकज


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 8, 2015 at 4:12pm

बहुत खूब , आदरणीय जगदीश भाई , बधाई ॥

Comment by Hari Prakash Dubey on March 8, 2015 at 12:31pm

आदरणीय जगदीश जी, सुन्दर रचना ,हार्दिक बधाई ! सादर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 8, 2015 at 11:17am

बहुत सुंदर भावों की होली, बधाई आदरणीय जगदीश जी.

Comment by Shyam Narain Verma on March 7, 2015 at 5:17pm
इस सुंदर प्रस्तुति के लिए तहे दिल बधाई सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"बहुत आभार आदरणीय ऋचा जी। "
20 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार भाई लक्ष्मण जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है।  आग मन में बहुत लिए हों सभी दीप इससे  कोई जला…"
21 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"हो गयी है  सुलह सभी से मगरद्वेष मन का अभी मिटा तो नहीं।।अच्छे शेर और अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई आ.…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"रात मुझ पर नशा सा तारी था .....कहने से गेयता और शेरियत बढ़ जाएगी.शेष आपके और अजय जी के संवाद से…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. ऋचा जी "
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. तिलक राज सर "
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. जयहिंद जी.हमारे यहाँ पुनर्जन्म का कांसेप्ट भी है अत: मौत मंजिल हो नहीं सकती..बूंद और…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"इक नशा रात मुझपे तारी था  राज़ ए दिल भी कहीं खुला तो नहीं 2 बारहा मुड़ के हमने ये…"
11 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय अजय जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी ख़ूब शेर कहे आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
11 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास किया आपने बधाई स्वीकार कीजिए  सादर"
11 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
11 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service