For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कब तलक दीपक जलेगा ये मुझे मालूम है

२१२२   २१२२   २१२२   २१२

कब तलक दीपक जलेगा ये मुझे मालूम है

तप रहा सूरज ढलेगा ये मुझे मालूम है

 

कौन ऊँचाई पे कितनी ये नहीं मुझको पता

पर जमी में ही मिलेगा ये मुझे मालूम है

 

कितनी दौलत वो कमाता आप उससे पूँछिये

साथ उसके क्या चलेगा ये मुझे मालूम है

 

अपनी खुशियों के लिए जो आज  कांटे बो रहे

कल उन्हें भी ये खलेगा ये मुझे मालूम है

 

वो बबूलों को लगाते आम की उम्मीद में

क्या हकीकत में फलेगा ये मुझे मालूम है

 

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 653

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 19, 2015 at 1:02pm

आदरणीय सौरभ सर ..आपके मार्गदर्शन में हम सभी लोग ग़ज़ल की बारीकिय सीख रहे हैं ..आपके इस तरह के सुझावों से बहुत धैर्य से ग़ज़ल लिखने को प्रेरणा मिली है ..प्रकाशित करने से पहले उसे अपनी जानकारी के दायरे में पूरा चिंतन करने की कोशिस कर रहा हूँ ..आपके मशविरे पर अमल करते हुए इdस दिशा में भी ध्यान दूंगा ..तहे दिल धन्यवाद  और सादर प्रणाम के साथ 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 14, 2015 at 7:04pm

एक प्रभावी ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई डॉक्टर साहब.
आपकी अब कहन भी कसी-कसी आ रही है. आपके इस सतत प्रयास से हम सभी आश्वस्त हैं.

यह अवश्य है, कि आप शेरों की कहन को और गढ़ते रहें. एक उदाहरण देना चाहूँगा -
पर जमी में ही मिलेगा ये मुझे मालूम है ... . इस मिसरे को यों कीजिये
एक दिन धरती पे होगा ये मुझे मालूम है.   ..
ऐसा करने से अवश्य ही इस मिसरे की ताकत बढ़ी लगेगी.

फिर उला में ’ये’ को ’है’ कर दिया जाय, तो एक शेर में दो दफ़े ’ये’ का होना सँभल जायेगा.

यह मात्र एक बानग़ी भर है. आप इससे भी बेहतर सोच कर सकते हैं.
इसी तरह से हम शेरों की कहन पर काम करते चलें.

पुनः ग़ज़ल पर दिल से दाद कुबूल कीजिये.

Comment by Alok Mittal on January 3, 2015 at 6:05pm

वाह्ह वाह्ह्ह बहुत सुंदर ग़ज़ल

Comment by umesh katara on January 1, 2015 at 6:05pm

अपनी खुशियों के लिए जो आज  कांटे बो रहे

कल उन्हें भी ये खलेगा ये मुझे मालूम है
वाहहहहहहह वाहहहहहहहहह सर अच्छी ग़ज़ल

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 30, 2014 at 1:24pm

आदरणीय गिरिराज भाईसाब ..आपकी स्नेहल उत्साह्वर्धक प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल धन्यवाद सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 30, 2014 at 7:53am

आदरणीय आशुतोष भाई , बढ़िया ग़ज़ल कही है , सभी अश आर लाजवाब हैं , दिली बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 29, 2014 at 1:48pm

आदरणीय हरी प्रकाश जी ..आप सब का स्नेह बस यूं ही मिलता रहे इसी कामना के साथ सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 29, 2014 at 1:47pm

आदरनीय राम शिरोमणि नी आपकी प्रतिक्रिया से मुझे हौसला मिला है आपके उत्साहित करने वाले शब्दों के लिए सादर धन्यवाद 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 29, 2014 at 1:46pm

आदरणीय मिथिलेश जी ..आपकी सुझाव पर अमल करते हुए संसोधन करूंगा और भविष्य में इसका ध्यान रखूंगा . आपके सुझाव और प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 29, 2014 at 1:44pm

आदरणीय सोमेश जी ..आपकी प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल धन्यवाद सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
9 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
9 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
9 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service