For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हास्य घनाक्षरी : ईलाज (गणेश जी बागी)

छंद : घनाक्षरी 

झट छायी चिंता-रेखा,

नीला-नीला पाँव देखा,
पहुँचे करीम चच्चा, शफ़ाख़ाना आस में.

देखते हकीम बोला,

पाँव में ज़हर फैला,
दोनों पाँव काट डाले, ज़िन्दग़ी की आस में.

बात हुई ज़ल्द साफ़,

कट गये पर पाँव,
डरता हकीम आया, चच्चा जी के पास में.

सुनो जी करीम भाई,

बात ये समझ आई,
लुंगी रंग छोड़ रही, बोला एक साँस में. :-)))))))))

(मौलिक व अप्रकाशित)
पिछला पोस्ट => अतुकांत कविता : केसर के फूल

Views: 1423

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 23, 2014 at 5:23pm

आदरणीय सौरभ भईया, यह घनाक्षरी अभी भी मेरे कार्यालय के सभी मित्रों को गुदगुदाती है, सभी "लुंगी रंग छोड़ रही" कह कह हँसते हैं, आपको यह प्रस्तुति अच्छी लगी और आपका आशीर्वाद प्राप्त हुआ इसके लिए हृदय से आभार .


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 23, 2014 at 5:20pm

घनाक्षरी आपको अच्छी लगी, यह जान मुझे भी अच्छा लगा, आभार सोमेश जी.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 23, 2014 at 5:19pm

आदरणीय शिज्जू भाई, सराहना हेतु आभार .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 23, 2014 at 3:03pm

आदरणीय बागी जी , बहुत बिरला प्रयोग किया आपने , हास्य घनाक्षरी , वाह ! बहुत खूब । हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by khursheed khairadi on December 23, 2014 at 12:23pm

आदरणीय बागी साहब , लोटपोट कर दिया आपने |घनाक्षरी के माध्यम से उत्पन्न हास्यरस अद्भुत है |कोटि अभिनन्दन |सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 23, 2014 at 1:21am

हा हा हा.. . नीम हकीम ख़तरेजान  की सुन्दर बानग़ी प्रस्तुत हुई है !

इस हास्य घनाक्षरी के लिए दिल से बधाई स्वीकारें, भाई गणेशजी.
मैं आखिरी पद को बार-बार पढ़ के आनन्दित हो रहा हूँ. मेरी हँसी रुक नहीं रही, भाईजी. .. :-))))))))))

Comment by somesh kumar on December 23, 2014 at 12:29am

आनन्दित कर गई सर ,ये घनाक्षरी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 22, 2014 at 8:00pm

आदरणीय गणेशजी बहुत सुंदर घनाक्षरी बन पड़ी है बहुत बहुत बधाई


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 22, 2014 at 7:52pm

सराहना और प्रतिक्रिया हेतु दिल से आभार आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी .


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 22, 2014 at 7:51pm

प्रतिक्रिया हेतु आभार आदरणीय भुवन निस्तेज जी .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
15 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
17 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service