For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

२१२२/ २१२२/२१२२/२१२ 
.
जाने कितने ग़म उठाता हूँ ख़ुशी के नाम पर,
ज़हर मै पीता रहा हूँ तिश्नगी के नाम पर.
.

ऐ सिकंदर!! जंग तूने जो लड़ी, कुछ भी नहीं,
जंग तो मै लड़ रहा हूँ ज़िन्दगी के नाम पर.
.

अधखिली कलियों की बू ख़ुद लूटता है बागबाँ,
शर्म सी आने लगी है आदमी के नाम पर.
.

शुक्रिया उस शख्स का जिसने बना डाली शराब,
दिल की बाते लब से निकली बेख़ुदी के नाम पर.
.

आँखे अपनी भेज कर कुछ बादलो की शक्ल में,
इक समंदर रो पड़ा सूखी नदी के नाम पर.
.

ज़ह्नो दिल पर चढ़ रहा है इक कसैला ज़ायका,
गो निंबोली चख रहे हों दोस्ती के नाम पर. 
.
निलेश "नूर"

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 688

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Nilesh Shevgaonkar on November 1, 2014 at 11:15am

शुक्रिया आ. सौरभ पाण्डेय सर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 31, 2014 at 10:43pm

एक बार फिर से दिल से दाद स्वीकारिये ग़ज़ल पर आदरणीय नीलेशजी..

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 7, 2014 at 9:07pm

शुक्रिया आ. डॉ. गोपाल कृष्ण भट्ट साहब 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 7, 2014 at 9:06pm

शुक्रिया आ. गुमनाम पिथौरागढ़ी साहब 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 7, 2014 at 9:05pm

शुक्रिया आ. गिरिराज भंडारी जी ..बहुत बहुत धन्यवाद 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 7, 2014 at 9:05pm

शुक्रिया आ. डॉ. आशुतोष मिश्रा जी ..

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 7, 2014 at 9:04pm

शुक्रिया आ. अन्नपूर्णा जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 7, 2014 at 9:04pm

शुक्रिया आ. लक्ष्मण  धामी जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 7, 2014 at 9:03pm

शुक्रिया आ. सौरभ सर ..आपकी दाद से अभिभूत हूँ ...
ये ही वो लम्हे होते हैं जिसकेलिए कोई साहित्यकार साहित्य सृजन करता है ...
मुझे ये लम्हे देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ..

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 7, 2014 at 9:01pm

शुक्रिया आ. डॉ. विजय शंकर जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 149 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय"
29 minutes ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 149 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
52 minutes ago
SACHIN updated their profile
1 hour ago
Usha Awasthi commented on Usha Awasthi's blog post मन नहीं है
" आदरणीय सुशील सरन जी,आपकी सुन्दर प्रतिक्रिया प्राप्त कर प्रसन्नता हुई।  हार्दिक धन्यवाद…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कुछ हो मत हो नेता दिख -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"वाह आदरणीय जी बहुत सुंदर और सार्थक प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Dr. Vijai Shanker's blog post सत्य और झूठ -- डॉ० विजय शंकर
"वाह आदरणीय जी सच और झूठ की बहुत सुंदर व्याख्या की है आपने ।हार्दिक बधाई सर"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Chetan Prakash's blog post एक ताज़ा गज़ल
"वाह आदरणीय जी बहुत ही खूबसूरत सृजन हुआ है, शेर दर शेर मुबारक कबूल करें सर"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Usha Awasthi's blog post मन नहीं है
"अन्तस भावों की सहज अभिव्यक्ति आदरणीया जी । हार्दिक बधाई"
10 hours ago
Usha Awasthi commented on Usha Awasthi's blog post मन नहीं है
"आदरणीय डा0 विजय शंकर जी,रचना अच्छी लगी, जानकर खुशी हुई। हार्दिक आभार आपका,सादर। "
18 hours ago
Dr. Vijai Shanker commented on Usha Awasthi's blog post मन नहीं है
"आदरणीय उषा अवस्थी जी , रचना अछी है। हाँ , यह भी कहा जाता है कि कभी कभी कुछ लिखना हम लोगों की विवशता…"
21 hours ago
Dr. Vijai Shanker commented on Dr. Vijai Shanker's blog post सत्य और झूठ -- डॉ० विजय शंकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आभार , सादर।"
21 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

मधुमालती छंद. . . .

मधुमालती छंद ....1डर कर कभी, रोना नहीं ।विश्वास को, खोना  नहीं ।तूफान   में, सोना  नहीं ।नफरत कभी ,…See More
yesterday

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service