ओ. बी. ओ. परिवार के सम्मानित सदस्यों को सहर्ष सूचित किया जाता है की इस ब्लॉग के जरिये बह्र को सीखने समझने का नव प्रयास किया जा रहा है| इस ब्लॉग के अंतर्गत सप्ताह के प्रत्येक रविवार को प्रातःएक गीत के बोल अथवा गज़ल दी जायेगी, उपलब्ध हुआ तो वीडियो भी लगाया जायेगा, आपको उस गीत अथवा गज़ल की बह्र को पहचानना है और कमेन्ट करना है अगर हो सके तो और जानकारी भी देनी है, यदि उसी बहर पर कोई दूसरा गीत/ग़ज़ल मिले तो वह भी बता सकते है। पाठक एक दुसरे के कमेन्ट से प्रभावित न हो सकें इसलिए ब्लॉग के कमेन्ट बॉक्स को बुधवार रात ०८ बजे तक माडरेशन में रख जायेगा। आपको इस अवधि के पहले पहले बह्र पहचाननी है फिर बुधवार को रात 08 बजे कमेन्ट बॉक्स को खोल दिया जायेगा और गीत अथवा गज़ल की बह्र, बह्र का नाम और रुक्न प्रकाशित किया जायेगा और फिर शनिवार रात तक के लिए मंच चर्चा के लिए खुला रहेगा आशा करते हैं की इस स्तंभ से लोगों को बह्र को सीखने समझने में पर्याप्त सहायता मिलेगी। आप सबसे सहयोग की अपेक्षा है|
प्रस्तुत है इस सप्ताह का गीत
( इस गीत के मुखड़े और अंतरे मे रुक्नो की अलग अलग आवृत्ति है इस लिए मुखड़े और अंतरे दोनों के लिये अलग अलग नाम बताएं)
फिल्म का नाम है "खानदान"
स्वर है लता जी का
तुम्ही मेरे मंदिर तुम्ही मेरी पूजा तुम्ही देवता हो
यदि आपको अपनी टिप्पणियाँ न दिखें तो परेशान न हों | टिप्पणियों को मोडरेशन में रखा गया है, जो बुधवार रात ०८ बजे खोला जाएगा
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तुम्ही मे / रे मंदिर / तुम्ही मे / री पूजा / तुम्ही दे / वता हो
122 / 122 / 122 / 122 / 122 / 122 / 122
बहरे मुतकारिब मुसद्दस मुदाइफ़ सालिम
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