For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कभी कभी

सोचती हूँ मैं

जब हाथ भरा है लकीरों से

कुछ तो मतलब होगा इसका 

हरेक के कोई मायने होंगे

कौन कौन सी लकीर किस किस तक़दीर के नाम

यह तो बताये कोई

मुझे समझाए कोई

सुना था...

हाथों की चंद लकीरों का

यह खेल है बस तकदीरों का

अपने हाथ में लकीरें तो बहुत हैं

पर तक़दीर शायद रूठ गई है

आप ठीक कहते थे

बदल जाती हैं तकदीरें

अगर मेहनत से हाथ की लकीरें बदल दी जाएँ

इसीलिए करती हूँ कोशिश

चमकाने की उन लकीरों को

अपनी हिम्मत से ,

मेहनत से ,

जज्बे से

.......................................................................

जो मिलता है मुझे अपनों से

  

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 599

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 5, 2014 at 10:47am

इस उत्तम प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत हार्दिक बधाई आ० सविता बहन .

Comment by savitamishra on August 4, 2014 at 11:53am

सुन्दर ..बहुत सुन्दर ....बधाई आप को

Comment by Sarita Bhatia on August 4, 2014 at 10:23am

जितेन्द्र भाई हार्दिक आभार 

Comment by Sarita Bhatia on August 4, 2014 at 10:22am

जवाहर लाल जी तह दिल से शुक्रिया 

Comment by Sarita Bhatia on August 4, 2014 at 10:22am

हार्दिक आभार आदरणीय आमोद कुमार जी 

Comment by Sarita Bhatia on August 4, 2014 at 10:21am

आदरणीय विजय निकोर जी हार्दिक आभार ,स्नेह बनाये रखें 

Comment by Sarita Bhatia on August 4, 2014 at 10:20am

महिमा श्री जी शुक्रिया 

Comment by Sarita Bhatia on August 4, 2014 at 10:20am

आदरनीय डॉ गोपाल नारायण जी हार्दिक आभार 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 4, 2014 at 9:40am

सुंदर प्रस्तुति हेतु बधाई आपको आदरणीया सरिता जी

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 3, 2014 at 8:14pm

आप ठीक कहते थे

बदल जाती हैं तकदीरें

अगर मेहनत से हाथ की लकीरें बदल दी जाएँ

इसीलिए करती हूँ कोशिश

चमकाने की उन लकीरों को

अपनी हिम्मत से ,

मेहनत से ,

जज्बे से

.......................................................................

जो मिलता है मुझे अपनों से

सुन्दर प्रस्तुति!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
15 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
15 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
15 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service